
भीड़ के अलग-अलग हमलों में 4 पुलिसकर्मी घायल (Photo Source- Patrika)
MP News :मध्य प्रदेश में गुंडे बदमाशों के हौसले बुलंद हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, यहां आम लोगों का तो दूर पुलिस तक सुरक्षित नहीं है। इसकी ताजा बानगी सूबे के दो अलग-अलग जिलों में बुधवार को देखने को मिली। दोनों जिलों में कुछ ही घंटों के भीतर ही 4 पुलिसकर्मियों पर ही हमले हो गए, जिसमें चारों पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
बात करें कटनी जिले की तो यहां के बाकल पुलिस थाने में रात करीब 10 बजे ग्रामीणों के एक समूह ने दो पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया, जिसमें कांस्टेबल अवधेश मिश्रा और हेड कांस्टेबल कृष्ण कुमार शुक्ला घायल हुए हैं। बताया गया कि, इनमें से एक की हालत गंभीर है। स्थानीय निवासियों का एक समूह पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन करते हुए हिंसक हो गया था, तथा उसने मारपीट के एक मामले में कमजोर जांच का आरोप लगाया था।
दावा है कि, स्थानीय निवासियों का एक समूह थाने के बाहर प्रदर्शन करते हुए हिंसक हो गया। समूह द्वारा मारपीट के एक मामले में कमजोर जांच का आरोप लगाया गया था। फिलहाल, हमले का शिकार हुए दो घायल पुलिसकर्मियों में से हेड कांस्टेबल कृष्ण कुमार शुक्ला की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें कटनी जिले के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कटनी पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
आपको बता दें कि, कटनी पुलिस थाने में पुलिसकर्मियों पर हमला, पन्ना जिले के गजना धरमपुर गांव में रात करीब 8 बजे भीड़ द्वारा हमला किए जाने के दो घंटे बाद हुआ है। धरमपुर पुलिस थाना प्रभारी एमएस भदौरिया और कांस्टेबल राम निरंजन कुशवाहा समेत दो पुलिसकर्मी भीड़ के हमले में गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि, पुलिसकर्मियों पर हमला उस समय किया गया, जब वे गैर इरादतन हत्या के मामले में आरोपी पंचम यादव को गिरफ्तार करने उसके गांव पहुंचे थे। फिलहाल, दोनों घायल पुलिसकर्मी सतना जिले के एक अस्पताल में भर्ती हैं। घटना के बाद संबंधित गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
खास बात ये है कि, पिछले 2 साल की अवधि पर ही गौर करें तो मध्य प्रदेश में पुलिसकर्मियों पर कई बार हमले हो चुके हैं। अगस्त में, राज्य सरकार ने पूर्व गृह मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस विधायक बाला बच्चन के एक प्रश्न के उत्तर में विधानसभा को बताया कि जनवरी 2024 और जुलाई 2025 के बीच राज्य भर में पुलिस बल, वाहनों और अन्य पुलिस संपत्तियों पर हमलों में पांच पुलिसकर्मी मारे गए और 612 पुलिसकर्मी घायल हुए। बता दें कि, इन हमलों में छिंदवाड़ा, शहडोल, सतना, मऊगंज और सिवनी जिलों में पांच पुलिसकर्मियों के मारे जाने की बात कही गई थी।
सबसे हैरानी की बात तो ये है कि, पुलिसकर्मियों पर हमलों के सबसे अधिक मामले राजधानी भोपाल में सामने आए हैं। भोपाल जिले के शहरी, ग्रामीण और रेलवे क्षेत्र में पुलिसकर्मियों पर हमले की कुल 28 हमलों की घटनाएं हुईं, जिसके परिणाम स्वरूप 30 पुलिसकर्मी घायल हो गए। उसके बाद पड़ोसी जिले राजगढ़ में पुलिसकर्मियों पर हमले के मामले सामने आए। राजगढ़ में पुलिस पर हमलों की 26 घटनाएं सामने आईं, जिनमें 40 पुलिसकर्मी घायल हुए। इनमें से 7 घटनाएं बोडा थाना क्षेत्र में हुईं। एक हमले में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए। ऐसा माना जाता है कि यहां अपराधी सांसी समुदाय के कुछ गांव में रहते हैं।
इसके बाद प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के ग्रामीण, शहरी और रेलवे क्षेत्रों में पिछले 18 महीनों के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमले के कुल 23 मामले सामने आए, जिनमें कम से कम 10 पुलिसकर्मी घायल हुए। इसके बाद गुना जिले में पुलिसकर्मियों पर हमले के 15 मामले दर्ज हुए। इनमें घायलों की संख्या 40 थी, जिसमें दो अलग-अलग घटनाओं में 9 और 10 पुलिसकर्मी घायल हुए।
राज्य पुलिस के सूत्रों के अनुसार, पिछले 18 महीनों में हुए हमलों में घायल पुलिसकर्मियों की संख्या सबसे अधिक तब हुई, जब पुलिस ने राजगढ़ के पड़ोसी जिले के कुछ हिस्सों में आपराधिक जनजातियों और समुदायों के ठिकानों पर छापेमारी की।
Published on:
24 Oct 2025 03:27 pm
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