Markets are bustling with activity on Pushya Nakshatra, with customers flocking to shop.
प्रकाश के महापर्व दीपावली से पूर्व बाजारों की रौनक देखते ही बन रही है। मंगलवार को दिन भर बाजार में खरीदारी का माहौल बना रहा। बुधवार को भी बुध पुष्य नक्षत्र के कारण बाजारों में ग्राहकों के उमड़ने की संभावना है। दिन भर हुई खरीदारी को लेकर व्यापारी के चेहरे भी खिले हुए हैं। लोगों ने सबसे ज्यादा निवेश सोने व चांदी में किया। स्थिति यह रही कि व्यापारी दिन भर भाव तक तय नहीं कर पा रहे थे। इस वर्ष दीपावली छह दिवस की होने के कारण बाजार को अधिक लाभ होने की आशा है। माना जा रहा है कि ग्यारस तक बाजार के विभिन्न क्षेत्रों में बिक्री होती रहेगी। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने और शुभ खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। मंगलवार को सुबह 11 बजकर 54 मिनट से पुष्य नक्षत्र शुरू हुआ जिसका समापन बुधवार को शाम छह बजे तक होगा।
सभी नक्षत्रों का राजा पुष्य
पंडित अशोक व्यास के अनुसार ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों के बारे में बताया गया है। इसमें से एक पुष्य नक्षत्र भी है। इसे सभी नक्षत्रों का राजा माना जाता है। यह एक शुभ नक्षत्र है। जब यह बुधवार के दिन पड़ता है तो इसे बुध पुष्य योग कहा जाता है। बुध ग्रह धन और बुद्धि का कारक है, जबकि पुष्य नक्षत्र शुभता और उन्नति का प्रतीक है। बुध पुष्य योग में किए गए कार्य आर्थिक उन्नति में सहायक होते हैं। व्यापार में लाभ और धन प्राप्ति के लिए यह योग विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
सजने लगे बाजार
पुष्य नक्षत्र में सभी प्रकार की खरीदी शुभ और स्थाई होती है। लोगों ने सोना, चांदी, आभूषण, वस्त्र, भूमि, भवन, वाहन खरीदे। पुष्य नक्षत्र से पहले ही बाजार में रोशनी को लेकर सजावट शुरू हो चुकी है। दुकानों व शौरूम को आकर्षक रोशनी से सजाया जा रहा है। इन दो दिनों से लेकर धनतेरस तक जमकर खरीदारी की जाएगी व बाजार में धनवर्षा होगी। इसके लिए बाजार भी पूरी तरह से तैयार हैं। पुष्य नक्षत्र एवं धनतेरस को सबसे शुभ दिन माना जाता है। इस दौरान किए गए निवेश और खरीदारी से स्थायी लाभ की संभावना रहती है।
पुष्य नक्षत्र में किए गए निवेश
Published on:
15 Oct 2025 08:40 am
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