Digambar Jain community will celebrate Diwali on 21st
सकल दिगंबर जैन समाज की ओर से दीपावली पर्व 21 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इसी दिन जैन मंदिरों में सुबह भगवान महावीर का मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा। इस मौके पर पूजा अर्चना के बाद निर्वाण लाडू समर्पित किए जाएंगे। दोपहर में दीपावली की पूजा की जाएगी।
मुनि पुंगव सुधासागर ने बताया कि दीपावली पर्व का हर धर्म व समाज में अपना महत्व है। अमावस्या के दिन दीपावली मनाई जाती है। लेकिन दो-तीन साल से इसमें अलग-अलग मतों के आधार पर दीपावली मनाई जा रही है। मुनि ने बताया कि दिगंबर जैन समाज का दीपावली पर्व का अलग महत्व है। वह भी दीपावली पर्व धूमधाम के साथ मनाता है। पूजा अर्चना भी करते हैं। भगवान महावीर को जिस समय मोक्ष (निर्वाण) प्राप्त हुआ था उस समय सूर्य की किरण निकलती है। यानी 21 अक्टूबर को सुबह अमावस्या तिथि पर भगवान को निर्वाण प्राप्त होने पर मंदिरों में लाडू चढाएं जाएंगे।
दिगंबर जैन परंपरा के अनुसार अमावस्या की प्रत्यूष वेला अर्थात जब आकाश में लालिमा छा जाती है और प्रभात होने को होता है उसी समय भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण (मोक्ष) हुआ था। भगवान के मोक्ष के पश्चात गणधर गौतम स्वामी को भी केवल ज्ञान प्राप्त हुआ था इसी कारण, जैन समाज के लोग दीपावली मनाते हैं।
मुनि सुधासागर ने बताया कि यदि जैन समाज 20 अक्टूबर को दीपावली मनाएगा, तो वह अमावस्या से पूर्व का दिन होगा, क्योंकि 20 अक्टूबर की प्रातःकाल अमावस्या नहीं है। वास्तविक अमावस्या की प्रत्यूष बेला 21 अक्टूबर को ही है। धनतेरस से ही 5-5 दीपक जलाकर घरों व मंदिरों में रोशनी करें।
दीपावली पूजन मुहुर्त
सुबह 8.34 बजे से 10.50 बजे तक
दोपहर 2.41 बजे से 4.14 बजे तक
Published on:
16 Oct 2025 08:52 am
बड़ी खबरें
View Allभीलवाड़ा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग