Bhilwara AQI (Photo-X)
भीलवाड़ा: दिवाली की रात आतिशबाजी के धुएं और मौसम में बदलाव के चलते भीलवाड़ा की हवा जहरीली हो गई है। मंगलवार रात और बुधवार सुबह तक शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 260 के पार पहुंच गया, जिससे भीलवाड़ा ऑरेंज जोन में दर्ज हुआ।
बता दें कि यह स्तर खराब श्रेणी में आता है। शहर के कुछ इलाकों में तो एक्यूआई 300 के करीब तक पहुंच गया, जिससे हवा में सांस लेना भी भारी पड़ने लगा।
राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल विभाग के अनुसार, मंगलवार सुबह तक शहर का एक्यूआई लेवल 151 के आसपास था, जो शाम होते-होते पटाखों के धुएं और वाहनों के बढ़ते उत्सर्जन के कारण 260 पार चला गया। यह स्थिति मुख्य रूप से प्रतापनगर क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों में दर्ज की गई।
भीलवाड़ा के आरके कॉलोनी, शास्त्रीनगर और आजाद नगर जैसे मध्य क्षेत्रों में हवा सबसे ज्यादा दूषित पाई गई। वहीं, औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर अपेक्षाकृत कम रहा। विशेषज्ञों के अनुसार, शहर के बीचो-बीच संकरी गलियों और अधिक ट्रैफिक के कारण हवा का प्रवाह बाधित होता है, जिससे प्रदूषक तत्व वहीं फंस जाते हैं।
प्रदूषण बढ़ने से शहर में सांस, अस्थमा और एलर्जी से पीड़ित लोगों को सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। चिकित्सकों ने सलाह दी है कि ऐसे मरीज अनावश्यक बाहर न निकलें, मास्क का उपयोग करें, और घर में ही रहें। डॉक्टरों का कहना है कि धूल, धुआं और नमी के कारण वातावरण में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 कण फेफड़ों में जाकर सांस लेने में दिक्कत पैदा कर रहे हैं।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि दीपावली के बाद से आसमान में बादल छाए रहने और हवा न चलने के कारण प्रदूषण का असर बढ़ा है। आतिशबाजी के बाद हवा में घुला धुआं ऊपर नहीं जा सका और वातावरण की निचली परत में फंस गया।
इसी कारण शहर का एक्यूआई अचानक बढ़ गया।
पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व ऊंचाई पर जाकर “ट्रैप” हो जाते हैं। इस दौरान धुआं और धूल के बारीक कण नीचे की परत में जम जाते हैं, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
रविवार को भीलवाड़ा का एक्यूआई 130 से 160 के बीच था, लेकिन मंगलवार रात और बुधवार सुबह यह बढ़कर 260 से ऊपर पहुंच गया। यह सामान्य स्तर से लगभग दोगुना प्रदूषण दर्शाता है।
पर्यावरण विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि यदि मौसम ऐसा ही बना रहा और वाहन उत्सर्जन व कचरा जलाने पर नियंत्रण नहीं किया गया तो भीलवाड़ा की हवा “रेड जोन” में भी पहुंच सकती है। प्रशासन से प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत जताई गई है।
0-50 : अच्छा
51-100 : संतोषजनक
101-200 : मध्यम
201-300 : खराब (ऑरेंज जोन)
301-400 : बहुत खराब
401-500 : गंभीर
Published on:
22 Oct 2025 05:11 pm
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