Bhilwara's Mahalaxmi temple becomes a center of devotion
विजयसिंह पथिक नगर स्थित अग्रसेन सर्किल पर बना श्री महालक्ष्मी मंदिर अब देश के प्रमुख महालक्ष्मी मंदिरों में शुमार हो गया है। अष्टधातु से निर्मित 325 किलो वजनी प्रतिमा इसकी सबसे बड़ी विशेषता है, जिसे ग्वालियर के प्रसिद्ध कारीगरों ने संत विद्यानंद की प्रेरणा से तैयार किया। इस दिव्य प्रतिमा में पीतल, तांबा, सोना, चांदी, सीसा, जस्ता, टिन और पारा का पौराणिक अनुपात में मिश्रण किया गया है। मंदिर की स्थापना करीब 12 वर्ष पूर्व हुई थी और यह अग्रवाल भवन परिसर में आमजन के लिए प्रतिदिन दर्शनार्थ खुला रहता है।
भव्य स्वरूप में किया गया विस्तार
मंदिर को एक करोड़ रुपए की लागत से और अधिक भव्य स्वरूप प्रदान किया गया है। विस्तार कार्य में विश्व प्रसिद्ध बंशी पहाड़पुर के पत्थरों से निर्मित कलात्मक खंभे, तोरण द्वार, झालरें, परिक्रमा मार्ग और सफेद संगमरमर की फर्श का निर्माण किया गया है। मंदिर के उच्च शिखर पर स्वर्ण कलश और गगनचुंबी ध्वजदंड इसकी शोभा को और बढ़ा रहे हैं।
शुक्रवार को रहती है विशेष भीड़
मंदिर के पुजारी ओम पाराशर साईंराम ने बताया कि शुक्रवार को लक्ष्मीजी का दिन होने के कारण दर्शनार्थियों की विशेष भीड़ उमड़ती है। इसके अलावा हर माह के अंतिम रविवार को विशेष अभिषेक किया जाता है। धनतेरस के अवसर पर विशेष पूजन हुआ और दीपावली पर विशिष्ट अभिषेक व पूजा-अर्चना का आयोजन होगा।
लाभ पंचमी पर विशेष कार्यक्रम
अग्रवाल समाज सेवा न्यास के संस्थापक महामंत्री दामोदर अग्रवाल ने बताया कि लाभ पंचमी 26 अक्टूबर को भव्य आयोजन होंगे। दिनभर पूजा-अर्चना, कारीगरों की ओर से फूलों का अनूठा श्रृंगार और छप्पन भोग का आयोजन होगा। शाम 7 बजे से 1008 दीपों की महाआरती की जाएगी।
महिलाओं के लिए विशेष आकर्षण
26 अक्टूबर शाम 6 से 9 बजे तक ‘महालक्ष्मी दर्शन लाभ मेला’ आयोजित होगा। इसमें दर्शन करने वाली प्रत्येक महिला और युवती को दर्शनलाभ कूपन मिलेगा। रात 9:15 बजे लकी ड्रॉ निकाला जाएगा, जिसमें प्रथम 51 महिलाओं को चांदी का सिक्के पुरस्कार स्वरूप दिए जाएंगे। मेले में खाने-पीने की स्टॉल्स, झूले, चकरी, घुड़सवारी और अन्य मनोरंजन की सुविधाएं भी उपलब्ध रहेंगी।
Published on:
20 Oct 2025 10:45 am
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