शाहपुरा में पानी को तरस रहा जवानपुरा धाबाई बांध।
मुकेश कुमार
जयपुर ग्रामीण के शाहपुरा क्षेत्र में इस बार मानसून मेहरबान भी रहा और अब लगभग विदा होने को है। रिकॉर्ड बारिश के बावजूद क्षेत्र के अधिकांश बांध पानी को तरस रहे है। वहीं कोटपूतली बहरोड़ जिले के बुचारा सहित 6 बांधों में पानी की जरूर आवक हुई है, जो खुशी की बात है। वहीं शाहपुरा क्षेत्र के बांध पानी के लिए तरसते रह गए। क्षेत्र में सालों बाद पूरे समय मानसून मेहरबान रहा है, सालों बाद औसत से डेढ़ गुणा ज्यादा बरसात हुई है। इसके बावजूद शाहपुरा सिंचाई विभाग के अधीन आने वाले 25 बांधों में से केवल बुचारा सहित 6 बांधों में पानी की आवक हो पाई है। शाहपुरा क्षेत्र के बांध तो पानी के लिए तरस रहे है। अतिक्रमण, राजस्व रिकॉर्ड में प्राकृतिक व पुराने नालों का इंद्राज नहीं होने से लुप्त होने एवं जगह जगह छोटे एनीकट बनने से भी बांधों तक पानी नहीं पहुंचा है। शाहपुरा, कोटपूतली, विराटनगर व पावटा तहसील क्षेत्र में इस बार मानसून मेहरबान रहा। क्षेत्र में औसत से करीब डेढ़ गुणा ज्यादा पानी बरसा है, जो पिछले कई सालों में सर्वाधिक हुई है।
बुचारा बांध में 26.5 फीट पानी आया
कोटपूतली क्षेत्र के बुचारा बांध में इस बार 27.4 फीट तक पानी की आवक हुई है। वर्तमान में भी 26.5 फीट पानी भरा हुआ है। इसका 34.3 फीट का गेज है। इसके अलावा इस बार बेरीबांध, दांतिल नाका, नीमली, रामपुरा, पाछूडाला बांध में भी पानी की आवक हुई।
रेतीली मिट्टी में नहीं ठहरा पानी
क्षेत्र की मिट्टी रेतीली मिट्टी (सैंडी साॅयल) है। इसमें जल धारण क्षमता और पोषक तत्वों को बनाए रखने की क्षमता बहुत कम होती है। यह हवादार होती है और तेजी से पानी सोख लेती है। जिसके कारण पानी भराव ज्यादा दिन नहीं ठहर पाता है। सालों से कम बारिश होने से क्षेत्र का भू जलस्तर भी गिरता जा रहा है।
रिकॉर्ड बारिश फिर भी तरसे
शाहपुरा तहसील क्षेत्र का जवानपुरा धाबाई सबसे बड़ा बांध है, जो बनने के बाद से ही पानी के लिए तरस रहा है। इसके अलावा मामटोरी, देवन स्थित शिखर गट्टा, धवली स्थित जमदेई बांध में पानी की आवक नहीं हो पाई। जबकि शाहपुरा क्षेत्र में इस बार अब तक रिकॉर्ड 964 एमएम बारिश हुई है। इसके बावजूद भी बांध पानी को तरस रहे है। जमदेई बांध के डेड एरिया में जरूर पानी पहुंचा था, लेकिन गेट पट्टी पर नहीं आया।
क्षेत्र के प्रमुख बांध
शाहपुरा सिंचाई विभाग के अधीन शाहपुरा, कोटपूतली, पावटा और विराटनगर तहसील क्षेत्र में बुचारा, छीतोली, जवानपुरा धाबाई, शिखरगट्टा, नींझर, बनेड़ी, धूलकोट, पंचपहाड़ी, जमदेई, बेरीबांध, दांतिल नाका, नीमली, रामपुरा खुर्द, पाछूडाला सहित 25 बांध है।
बारिश की स्थिति…..
—शाहपुरा 964 एमएम
—विराटनगर 650 एमएम
—पावटा 864 एमएम
—कोटपूतली 986 एमएम
पानी नहीं पहुंचने का कारण
-रेतीली मिट्टी होना (सैंडी सॉयल)
-भूजल स्तर पर काफी नीचे होना
-प्राकृतिक नदी नालों का स्वरूप बिगड़ना
-अतिक्रमण
-छोटे-छोटे एनीकट निर्माण
इनका कहना है…
बुचारा बांध में इस बार पानी की आवक हुई है। वर्तमान में भी करीब 26.5 फीट पानी भरा हुआ है। क्षेत्र की मिट्टी रेतीली होने के कारण पानी को जल्दी सोख लेती है। साथ ही प्राकृतिक नदी नालों का भी स्वरूप बिगड़ गया। क्षेत्र में लगातार तेज बारिश नहीं हो पाई। जिसके कारण पानी का लगातार बहाव नहीं होने से बांधों तक नहीं पहुंच पाया है।
-शैलेन्द्र गढ़वाल, सहायक अभियंता सिंचाई विभाग शाहपुरा
Published on:
22 Sept 2025 04:34 pm
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