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‘प्रिंसिपल ने भेजा है तो क्या मेरे ऊपर आकर बैठेंगे’, थप्पड़बाज SDM के बाद राजस्थान में दूसरे एसडीएम का कारनामा

बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार जांच के दौरान एसडीएम यथार्थ शेखर और डॉ. महावीर चोयल में नोक-झोंक हो गई। डॉक्टरों ने एसडीएम पर अभद्र व्यवहार का आरोप लगाकर ज्ञापन सौंपा, जबकि एसडीएम ने जांच में बाधा का आरोप लगाया। कलेक्टर ने एडीएम को जांच सौंपी।

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Barmer Medical College

थप्पड़बाज SDM के बाद राजस्थान में दूसरे एसडीएम का कारनामा (फोटो- पत्रिका)

बाड़मेर: मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार की जांच के दौरान शनिवार को एसडीएम और डॉक्टर के बीच नोक-झोंक हो गई। विवाद बढ़ने पर सभी डॉक्टर जिला कलक्टर टीना डाबी के पास पहुंचे और उपखंड अधिकारी पर अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए शासन सचिव, चिकित्सा विभाग के नाम ज्ञापन सौंपा।


डॉर्क्ट्स का आरोप है कि एसडीएम ने सहायक आचार्य डॉ. महावीर चोयल के साथ अभद्र व्यवहार किया और कहा कि प्रिंसिपल कौन होता है, प्रिंसिपल ने भेजा है तो क्या मेरे ऊपर आकर बैठेंगे? वहीं, एसडीएम यथार्थ शेखर का कहना है कि वे भ्रष्टाचार की जांच के लिए आए थे और प्रारंभिक जांच में अनियमितताएं पाई गई हैं। उनका दावा है कि यह आरोप केवल जांच को भटकाने के प्रयास हैं।


जिला कलक्टर टीना डाबी ने मेडिकल कॉलेज में कांट्रेक्ट बेस समेत अन्य भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलने पर 21 अक्टूबर को बाड़मेर एसडीएम यथार्थ शेखर की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया था। कमेटी में बाड़मेर तहसीलदार, अस्पताल अधीक्षक समेत अन्य सदस्य शामिल थे। शनिवार दोपहर कमेटी मेडिकल कॉलेज पहुंची और निरीक्षण व जांच शुरू हुई।


इसी दौरान सहायक आचार्य डॉ. महावीर चोयल के साथ एसडीएम की नोक-झोंक हो गई। इसके बाद समस्त चिकित्सक एकत्रित हुए और जिला कलक्टर टीना डाबी को एसडीएम की शिकायत की।


वहीं, बाड़मेर एसडीएम ने भी निरीक्षण में बाधा उत्पन्न करने और अभद्र व्यवहार किए जाने की शिकायत जिला कलक्टर के पास की। जिला कलक्टर ने दोनों पक्षों की शिकायतों की जांच बाड़मेर एडीएम राजेंद्र सिंह चादावत को सौंपी है।


राजकीय मेडिकल कॉलेज व संलग्न चिकित्सालय समूह के सभी चिकित्सक जिला कलक्टर के पास पहुंचे। उन्होंने शासन सचिव, चिकित्सा विभाग के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि बाड़मेर एसडीएम यथार्थ शेखर ने डॉ. महावीर चोयल के साथ अभद्र व्यवहार किया। डॉ. महावीर के पास चीफ वार्डन व सुरक्षा प्रभारी की जिम्मेदारी है।


निरीक्षण दल के आने पर डॉ. महावीर ने यह जानना चाहा कि निरीक्षण किस विषय और आदेश के तहत किया जा रहा है। इस पर एसडीएम ने उन्हें अपमानित किया और अमर्यादित व्यवहार किया। चिकित्सकों ने मांग की कि बाड़मेर एसडीएम माफी मांगे।


एसडीएम बोले- मिली अनियमितताएं, यह केवल जांच भटकाने का प्रयास


एसडीएम यथार्थ शेखर ने जिला कलक्टर की ओर से गठित कमेटी के आधार पर भ्रष्टाचार की जांच के लिए गया था। यह सरकारी संपत्ति है और मेरे उपखंड क्षेत्र में है। प्रारंभिक जांच में अनियमितताएं पाई गई हैं, जिसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
इसे भटकाने के लिए यह आरोप लगाए जा रहे हैं। जब हमने जांच की जानकारी ली, तो डॉक्टर ने मेरे साथ अभद्र व्यवहार किया। इसकी शिकायत कलक्टर से की गई है। जांच में बाधा उत्पन्न की गई, और आगे की कार्रवाई के लिए मैं कलक्टर से चर्चा करूंगा।


दोनों की शिकायतों पर जांच होगी


बाड़मेर एसडीएम कमेटी के साथ जांच के लिए मेडिकल कॉलेज गए थे। दोनों पक्षों की शिकायतें मिली हैं। एसडीएम और डॉक्टर दोनों ने अभद्र व्यवहार की शिकायत की है। जांच करवा रहे हैं।
-टीना डाबी, जिला कलक्टर, बाड़मेर