डॉ. दीपक चरन (फोटो सोर्स: पत्रिका)
बरेली। आज की तेज रफ्तार जिंदगी में तनाव अब हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। काम का दबाव, रिश्तों में तनाव, आर्थिक परेशानियां और सोशल मीडिया का असर — ये सब मिलकर मानसिक शांति को छीन रहे हैं। यही वजह है कि अवसाद (डिप्रेशन), चिंता (एंजाइटी) और मानसिक थकान (मेंटल फटीग) जैसी दिक्कतें अब हर घर तक पहुंच चुकी हैं।
कोविड महामारी के बाद मानसिक बीमारियों में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसी गंभीर स्थिति को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) हर साल 10 अक्टूबर को ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ के रूप में मनाता है। इस मौके पर एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. दीपक चरन ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी अहम बातें साझा कीं।
डॉ. दीपक चरन बताते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य हमारे सोचने, महसूस करने और रोजमर्रा के फैसलों को सीधे प्रभावित करता है। अगर मन ठीक नहीं तो जीवन का हर पहलू अस्त-व्यस्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि असंतुलित दिनचर्या, गलत खानपान, नींद की कमी और बढ़ता तनाव मानसिक स्वास्थ्य के सबसे बड़े दुश्मन हैं। डॉ. चरन के मुताबिक दुनिया में हर आठ में से एक व्यक्ति किसी न किसी मानसिक बीमारी से जूझ रहा है। भारत में करीब 20 प्रतिशत आबादी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों का सामना कर रही है। महिलाओं में डिप्रेशन की दर पुरुषों के मुकाबले लगभग दोगुनी है, जो आत्महत्या की बड़ी वजह बनती जा रही है।
उन्होंने बताया कि कामकाज का दबाव, परिवार में मतभेद और आर्थिक अस्थिरता के साथ-साथ सोशल मीडिया भी मानसिक संतुलन बिगाड़ रहा है। दूसरों से लगातार तुलना, लाइक्स और कमेंट्स की चिंता युवाओं में अवसाद और चिंता की सबसे आम वजह बन चुकी है। डॉ. चरन ने कहा कि तनाव, नशे की लत और निष्क्रिय दिनचर्या मानसिक स्वास्थ्य को धीरे-धीरे कमजोर कर देती हैं। कई बार आनुवंशिक कारण और कुछ शारीरिक बीमारियां भी मानसिक स्थिति पर असर डालती हैं।
लगातार उदासी, चिड़चिड़ापन, नींद न आना, खाने की इच्छा कम होना, अकेलापन महसूस करना और आत्महत्या के विचार— ये संकेत हैं कि आपका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। ऐसे में लापरवाही नहीं, बल्कि विशेषज्ञ की सलाह बेहद जरूरी है।
डॉ. दीपक का मानना है कि मानसिक स्वास्थ्य का सबसे आसान उपाय है संतुलित जीवनशैली और सकारात्मक सोच। उन्होंने कहा रोज थोड़ा व्यायाम करें, सही खानपान लें, नींद पूरी करें और लोगों से जुड़ाव बनाए रखें। जीवन के प्रति नजरिया बदलना ही असली उपचार है। उन्होंने बताया कि माइंडफुलनेस तकनीक मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने का आधुनिक तरीका है। इसका मतलब है वर्तमान पल में रहना, अपने विचारों को बिना आंकलन किए स्वीकार करना। यह तकनीक तनाव को कम करने और आत्मविश्वास बढ़ाने में बेहद प्रभावी है।
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Published on:
09 Oct 2025 09:11 pm
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