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खेती में नवाचार अब बीज, उर्वरक, कीटनाशक और मृदा उपचार व कृषि उपकरणों तक ही सीमित नहीं बल्कि इससे फसल की गुणवत्ता, उत्पादन, भंडारण और सप्लाई चेन का परिदृश्य भी बदल रहा है। यह सब औद्योगिक क्रांति के चौथे और पांचवें चरण के रूप में इन्टरनेट ऑफ ङ्क्षथग्स, एआई और ब्लॉक चेन से हो रहा है।
25 टीआईएच कर रहे काम
भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीक विभाग की ओर से हाल में नेशनल मिशन ऑन इन्टरडिसीप्लिनरी साइबर फिजिकल सिस्टम्स की शुरुआत की गई है। इसके तहत देश के प्रमुख संस्थानों में 25 टेक्नॉलोजी इनोवेशन हब (टीआईएच) स्थापित किए गए हैं। इनमें से तीन टीएचएस, पांच नॉलेज पार्टनर, 25 एग्री बिजनेस इंक्युबेटर हैं, जो आईओटी और एआई का कृषि उपयोग बढ़ाने पर काम कर रहे हैं।
फसल का सटीक अनुमान
ई-एग्रीज कृषि तकनीक का एक आईओटी आधारित प्लेट फार्म है जो फसल के उत्पादन का सटीक अनुमान लगा सकता है। एरियल रोबोटिक्स व ड्रोन आधारित इमेङ्क्षजग और छिड़काव के जरिए खेत के वातावरण मानकों (तापमान, नमी, हवा की रफ्तार और बरसात) व मिट्टी के मानकों (नमी, तापमान, विद्युत तरंग प्रवाह, पीएच, एनपीके, सल्फर) के आधार पर फसल की देखभाल सुनिश्चित करता है।
1100 से ज्यादा स्टार्टअप
आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, इन्टरनेट ऑफ ङ्क्षथग्स, ब्लॉक चेन तकनीक पर कृषि उपयोगी उत्पाद तैयार करने के लिए स्टार्टअप एग्रो प्रोसेङ्क्षसग, फूड टेक्नॉलोजी, सप्लाई चेन मैनेजमेंट, एग्री लॉजिस्टिक्स, फार्म मैकेनाइजेशन, ऑर्गेनिक फार्मिंग, नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट, रिन्युएबल एनर्जी, पशुधन, मछली पालन, डेयरी इत्यादि क्षेत्रों में स्टार्टअप आगे आ रहे हैं। कृषि एवं इससे जुड़े क्षेत्रों में अब 1102 स्टार्टअप काम कर रहे हैं और इन्हें सरकार की ओर से सहायता के रूप में 66.83 करोड़ दिए जा चुके हैं।
नई तकनीक के कमाल
कैमरों, सेंसर, रोबोटिक आम्र्स के जरिए जमीन, फसल के नमूने, चित्र खींच कर उनके विश्लेषण के आधार पर एआई से फसल उत्पादन में बढ़ोतरी की जा रही है और उसके बाद रखरखाव और वितरण तक में नई तकनीक कमाल कर रही है।
नए प्लेटफार्म हुए तैयार
आम की छंटाई के लिए इमेज (विजुअल और एक्स-रे) के आधार पर सोर्टिंग और ग्रेङ्क्षडग सिस्टम
केलों की सप्लाई चेन के लिए ब्लॉक चेन तकनीक पर सेंसर आधारित मॉनिटङ्क्षरग सिस्टम
कोल्ड स्टोरेज के लिए आईओटी आधारित रियल टाइम मॉनिटङ्क्षरग सिस्टम जो उत्पाद की गुणवत्ता और अन्दर के वातावरण को नियंत्रित करता है।
सेब उत्पादन के लिए विजन आधारित एआई रोबोटिक्स प्रोग्राम जो सेब के पेड़ पर तैयार फल छांट कर कर उनकी कटाई और भंडारण कर देता है।
स्वचालित जूट ग्रेङ्क्षडग सिस्टम के जरिए जूट को श्रेणीवार बांटा जा सकेगा।
आईओटी आधारित ङ्क्षसचाई प्रणाली जो फसल की जरूरत के मुताबिक पानी की मात्रा तय करेगा।
Published on:
22 Dec 2022 06:56 pm
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