
डाल-ई 2 प्रोग्राम के जरिए टेक्स्ट से बनाई गई इमेज
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई का एक नया युग दस्तक दे रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस अब इंसान की तरह सोच समझ कर जवाब देना और उसकी तरह कला के रूप में भाव अभिव्यक्त करने के दौर में पहुंच गया है। ए आई चैट बोट चैटजीपीटी (ChatGPT) अपने अलगोरिद्म और विस्तृत इनपुट के आधार पर इंसानों जैसा जवाब देने लगा है। हाल में जारी एक अन्य एआई प्रयुक्ति डाल ई 2 (DALL -E 2) टेक्स्ट विवरण के आधार पर इमेज तैयार करता है। इस तरह से बन रही कलाकृतियां कला प्रतियोगिताओं में पुरस्कार भी जीत रही हैं। 30 नवम्बर को लॉन्च हुआ चैटजीपीटी पहले ही सप्ताह में दस लाख यूजर्स की संख्या पार कर चुका। विशेषज्ञों के अनुसार एआई के चलते आने वाले समय में कई सारी नौकरियां खत्म हो सकती है। गौरतलब है कि उक्त दोनों सॉफ्टवेयर ओपन एआई कम्पनी ने बनाए हैं। इस कम्पनी के प्रमोटर्स में स्पेस एक्स और ट्वीटर के एलन मस्क भी शामिल हैं।
कोडिंग का बता रहा हल, लिख रहा कविता
चैटजीपीटी पर यूजर एआई को निबंध लिखने, कविता लिखने, अनुवाद करने, संक्षिप्तिकरण करने, कोडिंग समस्याओं का हल बताने जैसे काम करने को कह रहे हैं।
एआई बोट की सीमाएं, रखना होगा ध्यान
आइडिया देने वाला इन मैजिकल एआई टूल्स की मदद से कुछ भी रचनात्मक रच सकता है। वर्तमान में मौजूद 90 प्रतिशत व्हाइट कॉलर जॉब चैटजीपीटी कर सकता है। हालांकि निर्माता कंपनी ओपन एआई के सीईओ सैम आल्टमैन का कहना है कि अभी चैटजीपीटी की सीमाएं हैं और महत्वपूर्ण कार्य के लिए इस पर भरोसा करना गलती हो सकती है।
ऐसे करता है कार्य
एआई बेस्ड टेक्स्ट टू इमेज के लिए व्यक्ति जो विवरण प्रोग्राम में डालता है प्रोग्राम उसका वैसा ही चित्र प्रस्तुत कर देता है। गूगल अपने एआई इमेजिंग मॉडल इमाजेन पर काम कर रहा है। हाल ही मेटा ने वृहद भाषा आधारित मॉडल एआई सॉफ्टवेयर ग्लैक्टिका की घोषणा की थी। ऑनलाइन डेमो के साथ जारी यह सोफ्टवेयर लॉन्च के तीन दिन बाद ही डिस्एबल कर दिया गया था। गूगल डाइलोग फ्लो, अमेजन पॉली, आईबीएम का वाट्सन भी पहले से एआई की काफी प्रभावी प्रयुक्तियां हैं।
एआई प्रोग्राम्स
चैटजीपीटी
डाल-ई-2
मिड जर्नी
लेंसा आई
स्टारी एआई
क्रेयोन
स्टेबल डिफ्यूजन
डाइलोग फ्लो
पॉली
वाट्सन
एआई लगातार बढ़ता बाजार
267 बिलियन डॉलर तक हो जाएगा 2027 तक वैश्विक एआई बाजार
15 ट्रिलियन डॉलर का योगदान देगा एआई वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2030 तक
37 प्रतिशत व्यवसाय और संगठन किसी ना किसी रूप में एआई लागू करेंगे
8.5 करोड़ परंपरागत नौकरियां तक विश्वभर में खत्म होंगी एआई से 2025 तक
9.7 करोड़ नई नौकरियों के अवसर पनपेंगे एआई से 2025 तक
इनका कहना है
यह एआई के वास्तविक प्रयोग का एक शुरुआती दौर प्रारम्भ हुआ है। इसमें अभी कई परिवर्तन होंगे। पर एआई अब नए दौर में पहुंच गया है। इसके लिए एक ग्लोबल गवर्निंग बॉडी की जरूरत भी है।
- संजय जांगिड़, एआई एक्सपर्ट
Published on:
13 Dec 2022 10:29 pm
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