फोटो सोर्स- पत्रिका)
Death sentence pronounced in court बांदा में 3 साल की मासूम बच्ची का अपहरण के बाद दुष्कर्म और हत्या के मामले में अदालत में आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। 98 दिनों में अदालत का यह निर्णय आया है। इसके साथ ही 65 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। घटना 3 जून की है। जब घर के बाहर खेल रही मासूम बच्चे को धोखे से बुलाकर उसके साथ दरिंदगी की गई। मामला चिल्ला क्षेत्र का है। आरोपी ने 3 जून को घटना को अंजाम दिया था।
उत्तर प्रदेश के बांदा के चिल्ला क्षेत्र के एक गांव निवासी सुनील कुमार निषाद ने पड़ोस में रहने वाली 3 साल की मासूम बच्ची से पान मसाला मंगवाया और धोखे से फिर घर के अंदर बुला लिया। पुलिस की छानबीन में पता चला कि सुनील निषाद ने शराब पीने के बाद मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी की। जिससे वह मासूम बच्ची बेहोश हो गई। काफी खून बह रहा था। सुनील निषाद ने उसे मरा समझ आइस बॉक्स में भरकर 6 किलोमीटर दूरी पदारथपुर के जंगल में फेंका आया।
इधर बच्ची के गायब होने की खबर पिता ने पुलिस को दी। घटना की जानकारी मिलते ही एसपी ने बच्ची की बरामदगी के लिए तीन टीमें बनाई। पुलिस की तत्परता से घटना का खुलासा हुआ। सुनील निषाद से कड़ाई से पूछताछ के बाद मिली जानकारी के आधार पर पुलिस आगे बढ़ी और उसकी निशानदेही पर बच्ची की बरामद किया गया। जिसकी सांसे चल रही थी।
पीड़िता को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन गंभीर हालत को देखते हुए रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। यहां पर भी स्थिति कंट्रोल में नहीं आई तो हैलेट कानपुर अच्छे उपचार के लिए लाया गया। लेकिन 11 जून को मासूम में अंतिम सांस ली।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई आगे भी जारी रही। इधर बच्ची का उपचार चल रहा था। उधर पुलिस ने 4 जून को दादी के साथ माता-पिता और दुकानदार के बयान लिए। 6 जून को गवाह का भी बयान ले लिया गया। पुलिस ने 14 जून को अदालत में आरोप पत्र पेश कर दिया।
विशेष न्यायाधीश पाक्सो की अदालत की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। 9 जुलाई को अदालत में चार्ज बना बनाया गया। इसके बाद 14 जुलाई से 30 जुलाई तक गवाहों के बयान कराए गए। इस दौरान कुल 11 लोगों ने बयान दिए। सुनील कुमार निषाद का बयान भी लिया गया। अदालत ने सुनील कुमार निषाद को मासूम बच्ची के साथ रेप और उसकी हत्या का दोषी माना और उसे फांसी की सजा सुनाई। सोमवार को अदालत की कार्रवाई के दौरान आरोपी की माता-पिता भी मौजूद थे। फांसी की सजा सुनाने के बाद उनकी आंखें नम हो गई।
Updated on:
09 Sept 2025 08:21 am
Published on:
09 Sept 2025 08:17 am
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