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Chhattisgarh News : राज्य गठन के बाद बदली तस्वीर, खुले व्यापार और रोजगार के द्वार

राज्य गठन के बाद मिले राष्ट्रीय राजमार्गों ने बालोद जिले की तस्वीर बदल दी है। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 के साथ नवीन राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 930 का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है, जिससे बालोद सीधे महाराष्ट्र से जुड़ गया है।

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राज्य गठन के बाद मिले राष्ट्रीय राजमार्गों ने बालोद जिले की तस्वीर बदल दी है। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 के साथ नवीन राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 930 का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है, जिससे बालोद सीधे महाराष्ट्र से जुड़ गया है।

बालोद. हमारा छत्तीसगढ़ राज्य 25 साल का हो गया है। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के 11 साल बाद बालोद को जिला बनाया गया। जिला गठन के बाद विकास के द्वार खुल गए। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क परिवहन सहित विभिन्न क्षेत्रों में जिले का विकास हुआ है। अभी भी जिले को कई उम्मीदें भी हैं। राज्य गठन के बाद मिले राष्ट्रीय राजमार्गों ने बालोद जिले की तस्वीर बदल दी है। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 के साथ नवीन राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 930 का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है, जिससे बालोद सीधे महाराष्ट्र से जुड़ गया है। इससे आवागमन सुगम होने के साथ व्यापार, रोजगार और आर्थिक विकास के नए अवसर खुले हैं।

राष्ट्रीय राजमार्ग का 90 प्रतिशत काम पूरा

लगभग 680 करोड़ की लागत से पुरूर से महाराष्ट्र सीमा के कोहका तक 114 किमी लंबे नेशनल हाइवे का निर्माण किया जा रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के अनुसार करीब 90 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है। फेस-1 के तहत झलमला से शेरपार तक का निर्माण पूरी तरह समाप्त हो चुका है।

व्यापार और रोजगार को मिलेगा बड़ा लाभ

हाइवे के माध्यम से बालोद से महाराष्ट्र तक सीधा संपर्क स्थापित हुआ है। क्षेत्र में व्यापार, परिवहन, पर्यटन और रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। नागरिक सुविधाओं का विस्तार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी मजबूत होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग बालोद के अनुविभागीय अधिकारी अनिल कुमार छारी ने बताया कि पहला चरण झलमला से शेरपार तक पूरा हो चुका है। पुरूर से झलमला तक निर्माण के लिए डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया जारी है। इसकी अनुमानित लागत 280 करोड़ रुपए है। इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत लगभग 680 करोड़ की है।

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10 से 15 साल में बनेगा सिक्सलेन हाइवे

अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्तमान में इस मार्ग को दो लेन में तैयार किया गया है। भविष्य को देखते हुए इसकी योजना सिक्सेलेन के रूप में तैयार है, जिसे 10 से 15 वर्षों में विकसित किया जाएगा।

फैक्ट फाइल

कुल लंबाई : 114 किमी
लागत : 680 करोड़ रुपए
वर्तमान प्रगति : 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण
मार्ग : पुरूर-झलमला-शेरपार-कोहका (महाराष्ट्र सीमा)
भविष्य में सिक्सलेन विस्तार प्रस्तावित

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हाइवे से विकास की रफ्तार

नए नेशनल हाइवे से औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को बल मिलेगा। सड़क संपर्क बेहतर होने से ग्रामीण क्षेत्रों में भी विकास की गति तेज होगी।