
बालोद. जिले के कलेक्टोरेट कार्यालय से लगे आदमाबाद में 119 साल पुराने रेस्टहाउस को संवारा जाएगा। इसके लिए सिंचाई विभाग ने भी बजट में शामिल करने शासन को पत्र लिखकर पूरी जानकारी दे दी है। अब जैसे ही बजट में शामिल होगा। उसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। 119 साल पहले अंग्रेजों का बनाया गया पर्यटन विभाग का रेस्ट हाउस अब जर्जर हो चुका है। विभाग ने एग्रीमेंट के 15 साल समाप्त होने के बाद इसे सिंचाई विभाग को सौंप दिया है। यह रेस्ट हाउस वर्तमान में व मध्यप्रदेश शासनकाल में नेताओं व मंत्रियों का एक पसंदीदा रेस्ट हाउस था। कई मंत्री, नेता, अधिकारी यहां रुके, पर समय बदला तो इस रेस्ट हॉउस की स्थिति भी बदलने लगी।
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जानकारी के मुताबिक तांदुला जलाशय का निर्माण 1906 में शुरू हुआ, जो साल 1912 में बनकर तैयार हुआ। उसी दौरान इस रेस्ट हॉउस का निर्माण किया गया था। तांदुला निर्माण के समय अंग्रेज इंजीनियर यहीं से निरीक्षण करते थे। रेस्ट हाउस के गार्डन में एक टॉवर बनाया गया, जहां से अंग्रेज इंजीनियर एडम स्मिथ जलाशय निर्माण का निरीक्षण करते थे।
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रेस्ट हॉउस में रहकर अंग्रेजों की टीम भी रुकती थी। तांदुला जलाशय बनने के बाद अंग्रेजों का राज समाप्त हुआ तो तत्कालीन मध्यप्रदेश शासनकाल से आज तक इसे शासन व पर्यटन विभाग ने रेस्ट हॉउस के रूप में उपयोग किया पर अब यह रेस्ट हॉउस जर्जर हालत में है।
एक जमाने में इस रेस्ट हॉउस को काफी पसंद किया जाता था। तांदुला की तराई में घने जंगल प्राकृतिक वातावरण के बीच बना यह रेस्ट हॉउस काफी सुंदर व आकर्षक था लेकिन अब यहां के गार्डन उजड़ गए हैं। खरपतवार उग आए हैं। सिंचाई विभाग के ईई पियूष देवांगन ने बताया कि पर्यटन विभाग ने सिंचाई विभाग को यह रेस्ट हॉउस सौंपा है। इसे संवारने बजट में शामिल करने पत्र लिखा गया है। शासन से बजट में शामिल होने के बाद ही आगे की कार्यवाही करेंगे।
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Updated on:
01 Nov 2025 10:10 pm
Published on:
01 Nov 2025 10:09 pm
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