अलवर के ग्राम झिरी वर्तमान कलसी कला ग्वाड़ा में एक मार्बल कंपनी की ओर से खनन पट्टे से सटी वनभूमि पर मार्बल का जमकर खनन किया जा रहा है। इससे खनिज विभाग को भी करोड़ों रुपए का चूना लग रहा है। उप वन संरक्षक, खनिज अभियंता व अन्य विभागों की टीम ने संयुक्त सर्वे भी किया।
इस संबंध में कुछ लोगों ने सोमवार को जिला कलक्टर आर्तिका शुक्ला, एसडीएम थानागाजी, सीसीएफ सरिस्का, उपवन संरक्षक अलवर व खनिज अभियंता अलवर को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है।
उप वन संरक्षक की ओर से खनिज अभियंता को भेजे गए पत्र में साफ लिखा है कि क्षेत्रीय वन अधिकारी थानागाजी की ओर से अवगत कराया गया है कि एमएल 258/89 की ओर से उक्त खनन पट्टे की सीमा से लगी वनभूमि पर खनन किया जा रहा है। खनन में प्रयुक्त ब्लास्टिंग से तेज आवाजें आ रही हैं, जिससे वन्यजीवों पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इसलिए खनन पट्टे का मौका निरीक्षण कर संयुक्त टीम की ओर से कराया जाए। इसमें राजस्व विभाग, खनिज विभाग के प्रतिनिधि के साथ खनिज अभियंता शामिल हों।
उप वन संरक्षक राजेंद्र कुमार हुड्डा ने उक्त खनन पट्टे के आसपास भू-प्रबंध विभाग की डिजिटल जमींदारी प्रणाली का उपयोग कर सर्वे कराने के लिए जिला कलक्टर को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा कि पट्टाधार की ओर से लगातार अवैध खनन किया जा रहा है। राजस्व, खनन और वन विभाग की संयुक्त टीम ने मौका सर्वे किया।
उनकी ओर से दी गई रिपोर्ट में बताया गया कि स्थाई बिन्दु खसरा नंबर 1148 कुआं और 1209 कुआं के बीच लगभग 600 मीटर दूरी होने व धरातल उबड़-खाबड़ होने की वजह से जरीब व फीते से इसकी दूरी मापना संभव नहीं है। इस पर कलक्टर ने 20 मई को वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक, सरिस्का बाघ परियोजना, भू-प्रबंध अधिकारी, उप खंड अधिकारी थानागाजी और खनिज अभियंता से सुरेश शर्मा की ओर से दिए प्रार्थना पत्र के बिन्दुओं पर रिपोर्ट मांगी है।
ज्ञापन में शिकायतकर्ता महेंद्र गुप्ता, विजेंद्र गुप्ता, उपेंद्र शर्मा, चैन सिंह, विक्रम राठौड़ सहित अन्य लोगों ने लिखा है कि लीज धारक सारे नियमों को दरकिनार कर पट्टा भूमि के बाहर जाकर खनन कर रहा है। जहां खनन किया वहां मलबा डाला जा रहा है ताकि किसी को शक नहीं हो। उन्होंने खननकर्ता पर कर्रवाई की मांग की है।
Updated on:
27 May 2025 03:03 pm
Published on:
27 May 2025 03:02 pm