सुरक्षा इंतजाम नाकाफी, विकास कार्यों पर भी उठ रहे सवाल
खैरथल. राजस्थान की अग्रणी खैरथल कृषि उपज मंडी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। लेकिन आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रही है। जबकि किसान की फसल से सरकार को करोड़ों रुपए का टेक्स दिया जा रहा है। करीब 141 बीघा में फैली ये मंडी वर्ष 2003 में पुरानी अनाज मंडी से स्थानांतरित होकर स्थापित की गई थी। यहां 350 से अधिक दुकानें संचालित हैं ।
मंडी में सरसों, कपास, बाजरा, चना, गेहूं सहित अन्य जिन्सों का कारोबार होता है। प्रतिदिन औसतन 400 से 500 किसान अपनी उपज लेकर मंडी पहुंचते हैं, जबकि सीजन में यह संख्या हजारों में हो जाती है। बावजूद इसके, मंडी में आज तक बैंक शाखा, एटीएम और सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम सही नहीं है।
सीसीटीवी कैमरे व गश्त बढ़ाने की मांग
व्यापारी गिरीश डाटा ने कहा कि मंडी में बैंक शाखा और एटीएम की स्थापना के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरे, पुलिस गश्त, सडक़, शेड, पेयजल और प्रकाश जैसी सुविधाओं की सख्त आवश्यकता है। अक्टूबर से जनवरी माह तक अस्थाई प्या•ा मंडी में भी प्रतिदिन करोड़ों का कारोबार होता है तथा हजारों किसान उपज बेचने के लिए आते है लेकिन नकदी लेन-देन के चलते उन्हें अतिरिक्त जोखिम उठाना पड़ता है।
सभी के सहयोग से बनाएंगे मॉडल मंडी
व्यापार समिति अध्यक्ष सर्वेश गुप्ता, सचिव आयुष गोयल, कोषाध्यक्ष संजय महावर, व्यापारी गिरीश डाटा अनिल गुप्ता, सुरेश बम्बोरा, कपूर चंद दयाराम महावर, अशोक गुप्ता, दिनेश डाटा, केदारनाथ खंडेलवाल, पवन अग्रवाल, महेंद्र गुप्ता, मयंक सेठी, मदनलाल डाटा, मनोज गुप्ता, मोहित गुप्ता व किसान प्रतिनिधियों ने प्रशासन से मांग की है मंडी को मॉडल मंडी बनाया जाए।
सालाना 600 करोड़ का कारोबार, 10 करोड़ से अधिक मंडी शुल्क
मंडी का सालाना कारोबार लगभग 600 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है और हर वर्ष 10 करोड़ से अधिक मंडी शुल्क जमा होता है। इसके बावजूद किसानों और व्यापारियों को नकदी लेन-देन करना पड़ता है। इससे न केवल समय और धन की बर्बादी होती है, बल्कि चोरी और लूट की घटनाओं का खतरा भी बना रहता है। हाल ही में एक व्यापारी के मुनीम से ढाई लाख रुपए की लूट की वारदात ने सुरक्षा इंत•ाामों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंडी परिसर में स्थित एग्रो ट्रेड टावर के पास पर्याप्त खाली जमीन उपलब्ध है, जहां बैंक और एटीएम स्थापित किए जा सकते हैं। व्यापारियों का कहना है कि डिजिटल भुगतान और बैंक सुविधा शुरू होने से लेन-देन आसान होगा और कारोबार को गति मिलेगी। किसानों का कहना है कि भुगतान पाने के लिए उन्हें दूर स्थित बैंकों तक जाना पड़ता है, जिससे समय और खर्च दोनों बढ़ जाते हैं।
विकास कार्यों के लिए 4.50 करोड़ के
भेजे प्रस्ताव, स्वीकृत किए 2 करोड़
खैरथल $कृषि उपज मंडी के व्यापार समिति अध्यक्ष सर्वेश गुप्ता ने बताया कि पिछले आठ वर्षों में मंडी के लिए 4.50 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन केवल 2 करोड़ रुपये ही स्वीकृत हुए। कारोबार की तुलना में यह बेहद कम है। प्रशासन की अनदेखी से मंडी विकास प्रभावित हो रहा है और सुरक्षा व्यवस्था भी नहीं बन पा रही है।
व्यापारियों ने अभी तक नहीं रखी मांग
&अभी तक किसी व्यापारी ने बैंक सुविधा बढ़ाने या नई शाखा खोलने के लिए कोई मांग नहीं की है। उन्होंने स्पष्ट किया, मेरे पास ऐसे कोई आवेदन नहीं आए हैं, लेकिन यदि किसी व्यापारी या किसान को बैंक से जुड़ी किसी भी सुविधा की आवश्यकता होती है तो हम तुरंत बैंक अधिकारियों से संपर्क कर सुविधाओं में सुधार कराने का प्रयास करेंगे।
राजेश चंद कर्दम, सचिव, $कृषि उपज मंडी समिति, खैरथल
Published on:
11 Sept 2025 12:02 am
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