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अलवर में अवैध खनन का बड़ा खेल: 80 किमी की दूरी को 250 बताकर राजस्व को लगाया लाखों का चूना

अलवर जिले में अवैध खनन माफिया और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार को रोजाना लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है।

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अवैध खनन, जिसकी CM से शिकायत की गई है (फोटो - पत्रिका)

अलवर जिले में अवैध खनन माफिया और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार को रोजाना लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है। ई-रवन्ना में गड़बड़ी कर सरकार को लाखों रुपए के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। खास बात यह है कि अधिकारी सब कुछ जानकर भी अनजान बन इस भ्रष्टाचार का हिस्सा बन रहे हैं।

खनन विभाग की ओर से किसी भी ट्रक या ट्रोले का ई-रवन्ना जारी किया जाता है। इसमें रवाना होने वाले स्थान से गंतव्य के स्थान तक की दूरी को अंकित किया जाता है। एक ई-रवन्ना में झिरी से अलवर की दूरी 250 किमी बताई गई है, जबकि असल में यह दूरी केवल 80 किमी है। इस दूरी को तय करने में करीब चार घंटे का समय लगता है, लेकिन इसे 6 से 11 घंटे दर्शाकर एक ही रवन्ना से बार-बार चक्कर लगाकर रॉयल्टी का पैसा बचाया जा रहा है। एक ट्रक की रॉयल्टी के करीब 10 हजार रुपए सरकार के खाते में जाते हैं। ऐसे में यह पैसा सरकार को नहीं मिल रहा है।

क्षमता से ज्यादा खनन

इस पूरे खेल में क्षमता से ज्यादा खनन भी हो रहा है। समय कम लग रहा है, जबकि रवन्ना में ज्यादा समय बताकर बचे हुए समय में खनन किया जा रहा है। यही नहीं लंबी दूरी का रवन्ना लेकर छोटे चक्कर लगाकर ज्यादा माल की सप्लाई की जा रही है। लेकिन अधिकारी मूक दर्शक बनकर इस खेल को देख रहे हैं।

पड़ोसी पर अवैध खनन के आरोप

झिरी के जगन्नाथपुरा में 247/1987 में पड़ोसी द्वारा अवैध खनन की खान मालिक ने जिला कलक्टर और मुयमंत्री को शिकायत की है। खान मालिक मदन नायक ने बताया कि उसके खनन पट्टे की पर्यावरण स्वीकृति जारी नहीं हुई है। जिसके कारण अभी खनन कार्य बंद है, लेकिन पड़ोसी उनकी खान में अवैध खनन कर रहा है। उन्होंने खनन विभाग के अधिकारियों पर भी मिलीभगत के आरोप लगाते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है।