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दिवाली से पहले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) का पहला चरण लागू कर दिया गया है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने एनसीआर से क्षेत्र में ग्रेप-1 की पाबंदियों को लागू करने के आदेश जारी किए हैं।
इस संबंध में 140 विभागों को नोटिस भेजकर नियमों की पालना सुनिश्चित करने को कहा गया है। प्रदूषण विभाग का कहना है कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर ग्रेप की अगली स्टेज लागू होगी। फिलहाल स्टेज-1 के तहत निगरानी और नियंत्रण कार्य प्राथमिकता पर रहेगा ताकि दिवाली पर वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर तक न पहुंचे। वहीं, पिछले साल 2 अक्टूबर को ही ग्रेप की पाबंदियां लागू हो गई था, लेकिन इस बार अक्टूबर महीने में होने वाली बारिश ने प्रदूषण के ग्राफ में इजाफा नहीं होने दिया। लेकिन मंगलवार को एनसीआर में 200 से ज्यादा एक्यूआइ होने पर ये पाबंदियां लागू की गई हैं।
500 वर्गमीटर से बड़े निर्माण प्रोजेक्ट्स के लिए स्वीकृत डस्ट मैनेजमेंट प्लान का पालन अनिवार्य रहेगा।
कचरा, पत्ते और अपशिष्ट जलाना पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा।
सड़क किनारे फूड स्टॉल और रेस्टोरेंट्स में कोयला या लकड़ी के ईंधन का उपयोग वर्जित किया गया है, केवल गैस या बिजली से खाना पकाया जा सकेगा।
डीजल जनरेटर का उपयोग केवल आवश्यक या आपात स्थिति में ही किया जा सकेगा।
प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर जुर्माना या जब्ती की कार्रवाई की जाएगी।
ट्रैफिक पुलिस को भीड़भाड़ वाले चौराहों पर तैनात किया जाएगा और चालकों को लाल बत्ती पर इंजन बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।
10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन एनसीआर में प्रतिबंधित रहेंगे।
निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण की सत निगरानी
सड़कों पर पानी का छिड़काव और सफाई अभियान तेज
पत्तों या कचरे को जलाने पर रोक
ट्रैफिक जाम वाले इलाकों में विशेष निगरानी दल सक्रिय
अलवर और भिवाड़ी का एक्यूआइ 200 से कम है, लेकिन एनसीआर की पाबंदियों की मार यहां के लोगों को भी झेलनी पड़ रही है। मंगलवार को अलवर का एक्यूआइ 67 और भिवाड़ी का एक्यूआइ 179 दर्ज हुआ। पिछले कई दिनों से अलवर का एक्यूआइ ग्राफ 100 से नीचे है।
एनसीआर में वायु गुणवत्ता के आधार पर ग्रेप को चार चरणों में बांटा गया है। पहला चरण एक्यूआइ 201 से 300 यानी खराब होने पर लागू किया जाता है। दूसरा चरण एक्यूआइ 301-400 (बहुत खराब) होने पर, तीसरा चरण एक्यूआइ 401-450 (गंभीर) होने पर और चौथा चरण एक्यूआइ 450 से अधिक (गंभीर से ज्यादा) होने पर लागू किया जाता है। पहले चरण में ही अधिकारी प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के खिलाफ दंडात्मक और कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।
Published on:
15 Oct 2025 11:30 am
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