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अलवर में छह गांवों के विकास का बनेगा मास्टर प्लान, अब गांवों को मिलेगा शहर जैसा ढांचा

अलवर शहरी सीमा में आए 6 गांवों के विकास का अलग से मास्टर प्लान तैयार होगा। नगर निगम योजना बनाएगा और यूआईटी सुनियोजित विकास का खाका खींचेगी।

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अलवर शहरी सीमा में आए 6 गांवों के विकास का अलग से मास्टर प्लान तैयार होगा। नगर निगम योजना बनाएगा और यूआईटी सुनियोजित विकास का खाका खींचेगी। प्रमुख जोर सड़क, बिजली, पानी व स्वच्छता पर रहेगा। इन गांवों की बाउंड्री की मैपिंग शहरी एरिया में होगी। स्कूल-कॉलेज से लेकर कौशल विकास पर अलग से प्लान बनेगा, जिसके लिए नगर निगम दूसरे विभागों की मदद लेगा। कुल मिलाकर गांवों को शहर का आकार देना है ताकि लोगों को महसूस हो सके कि वह अब गांव नहीं, शहर के निवासी हैं।

नगर निगम परिसीमन में नंगला समावदी, दिवाकरी, बेलाका, बेरका, लिवारी और भाखेड़ा शामिल किए गए हैं। इन गांवों में अब तक सरपंच के जरिए कार्य होते थे। ग्राम पंचायत की बैठकें होती थी, लेकिन अब नगर निगम के वार्ड बन गए। 26 हजार लोगों इन वार्डों में आ गए। अब यह निकाय की राजनीति में अपनी हिस्सेदारी निभाएंगे। इन 6 गांवों को चार अलग-अलग वार्डों में जगह दी गई है। इन गांवों का अभी शहरी एरिया के मुताबिक समग्र विकास नहीं हुआ है। इसी को ध्यान में रखते हुए निगम व यूआईटी अपने-अपने अनुसार कार्य करेंगे।

मास्टर प्लान में शामिल होंगे यह बिंदु

बुनियादी ढांचा मजबूत किया जाएगा, जिसमें सड़कें, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं के अब तक के संसाधनों का अध्ययन होगा और भविष्य में किन चीजों की जरूरत होगी, वह प्लान में शामिल किया जाएगा
रोजगार के अवसर कृषि के अलावा अन्य व्यवसाय के जरिए आ सकते हैं। इसका भी अध्ययन होगा।
अभी तक ग्रामीण स्वच्छता अभियान यहां चालू था, लेकिन अब शहरी स्वच्छ सर्वेक्षण में इनकी भूमिका होगी। ऐसे में सफाई व उससे जुड़ी सुविधाएं इन गांवों में देनी होंगी। घर-घर कचरा संग्रहण के लिए ऑटो टिपर संचालित किए जाएंगे।
स्वास्थ्य व शिक्षा आसानी से उपलब्ध हो और नजदीक हो। इसके लिए शिक्षा विभाग व स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से अध्ययन करके स्वास्थ्य सेवाओं व स्कूल-कॉलेजों के विस्तार की योजना बनाएंगे।
इन एरिया में बाजारों का विकास किया जाना है। साथ ही सरकारी कार्यालय आदि की स्थापना करने पर भी विचार होगा।

शहरी एरिया में शामिल होने वाले गांवों के विकास का खाका तैयार किया जाएगा। बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए भी योजना बनाएंगे ताकि जनता को अधिक से अधिक लाभ मिल सके। — जीतेंद्र सिंह नरूका, आयुक्त नगर निगम