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Pushkar Mela 2025: हजारों श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, ढोल की थाप पर अश्वों ने लगाए ठुमके

देव प्रबोधिनी या देवउठनी एकादशी कहते हैं। पंचांग एवं ज्योतिष में इस दिन गृहस्थों के लिए एवं स्मार्त के लिए व देवउठनी का शुभ विवाह इस दिन हुआ।

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Pushkar Mela 2025

Pushkar Mela 2025

अजमेर. अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेला जारी है। पुष्कर पुष्कर के मेला मैदान में शनिवार को आयोजित घोड़ी नृत्य प्रतियोगिता में ढोल की थाप पर अश्वों ने जोरदार ठुमके लगाए। उधर कार्तिक शुक्ल एकादशी पर पवित्र सरोवर में हजारों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगा पूजा-अर्चना की।

पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित मनोरंजक प्रतियोगिता में प्रदेश के विभिन्न इलाकों के अश्व पालक अपने अपने अश्व वंश को नचाने के लिए आयोजन स्थल पर लेकर आए । एक के बाद एक नृत्य का प्रदर्शन किया। यह आयोजन देशी एवं विदेशी दोनों ही दर्शकों के लिए बड़ा मनोरंजन पूर्ण रहा। आयोजन में ढोल की थाप पर 15 घोडेघोडियों ने बालू मिट्टी में जमकर ठुमके लगाए। किसी ने दोनों पांव से जमीन को कुदेर डाली तो कोई घोड़ी दो टांगों पर खड़े होकर नाची। कुतूहल भरे आयोजन को देखकर दर्शकों ने खूब तालियां बजाई।

नियम शर्त से आयोजन से देरी

आयोजन में पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ नवीन परिहार ने कम उम्र वाले अश्व वंशों को प्रतियोगिता से बाहर का रास्ता दिखाया। अश्वपालकों से अश्व के मुंह में डाली जाने वाली बिट को क्ररता पूर्वक नहीं लगाने की चेतावनी दी। यही कारण रहा कि करीब आधे घंटे तक अश्व पालक आयोजन स्थल पर ही नही आए।

डॉ. परिहार ने कई बार पुकारा तो पता चला कि अश्व पालक अश्वों केमुंह में सही बिट लगाने में लगने से देरी हो रही थी। आयोजन के दौरान डॉ. परिहार ने तीन अश्व को अदंत व कम उमर का बताते हुए भाग ही नहीं लेने दिया।

कार्तिक एकादशी का भीष्म पंचक पंचतीर्थ महास्नान

पुष्कर सरोवर में कार्तिक मास की एकादशी का भीष्म पंचक महास्नान शनिवार को किया गया। पंडित कैलाश नाथ दाधीच के अनुसार शनिवार को प्रातः 9:12 बजे एकादशी तिथी प्रारंभ हुई। जिसे देव प्रबोधिनी या देवउठनी एकादशी कहते हैं। पंचांग एवं ज्योतिष में इस दिन गृहस्थों के लिए एवं स्मार्त के लिए व देवउठनी का शुभ विवाह इस दिन हुआ। जो श्रद्धालु 5 दिन तक कार्तिक मास का पुष्कर सरोवर में स्नान का पुण्य फल प्राप्त करना चाहते हैं। मान्यतानुसार उन्हें 5 नवंबर तक पुष्कर राज में स्नान, दान, पुण्य, हवन पूजन करने से अक्षय गुना फल मिलेगा।

2 नवम्बर को भी एकादशी तिथि

पंडित दाधीच के अनुसार सूर्योदय के समय तिथी होने की निंबार्क संप्रदाय एवं श्री वैष्णव मतानुगामियों की मान्यता के अनुसार 2 नवम्बर रविवार को एकादशी मानी जाएगी। इस दिन केवल प्रातः 7:32 तक ही एकादशी तिथी रहेगी। इस दिन तुलसी विवाह का भी विधान लिखा है। 2 नवंबर रविवार को 7:30 बजे पहले एवं बाद में स्नान, दान, पुण्य, पूजन परिक्रमा करने से दोहरा लाभ मिल सकता है।

देव प्रबोधिनी देवउठनी का शुभ विवाह शनिवार को रहा। इस दिन रात्रि में एकादशी रहेगी। वेदों एवं शास्त्रों में पुराणों में वर्णित है कि इन पांच दिनों में स्वयं ब्रह्मा देव सावित्री एवं गायत्री के साथ पुष्कर में भ्रमण करते हैं एवं निवास करते हैं। साथ में 33 करोड़ देवी देवता, ऋषि मुनि, गंधर्व, संत, किन्नर, यश भी विद्यमान रहते हैं। ऐसे पुनीत पावन पर्व पर स्नान का एवं दान हवन पूजन का करोडों गुना अक्षय फल लिखा है। इन 5 तिथियां में ब्रह्मा सरोवर मध्य सरोवर कनिष्क सरोवर में परिक्रमा स्नान दान पुण्य का श्रेष्ठ फल मिलता है ।साथ में इन दिनों में ब्रह्म गायत्री का एवं सावित्री माता का दर्शन पूजन परिक्रमा दान पुण्य से अखंड सुख सौभाग्य एवं जीवन में परिवार में सुख शांति समृद्धि प्राप्त होकर मनोकामना परिपूर्ण होती है।

धोरो में कबड़डी खेले विदेशी हारे

पुष्कर. पुष्कर के मेला मैदान में शनिवार को कबड्डी प्रतियोगिता विदेशी पर्यटकों के लिए काफी रोचक रही। हालांकि पर्यटक इस प्रतियोगिता से पूरी तरह अनजान थे लेकिन आयोजकों की ओर से प्रतियोगिता आयोजित करने से पूर्व उन्हें कबड्डी खेलने का तरीका सिखाया गया, इसके बाद विदेशियों ने पूरे दमखम के साथ कबड्डी खेली। भारतीय खिलाड़ियों के सामने वे हार गए। प्रतियोगिता में देशी विदेशी दोनों खिलाड़ियों की ओर से 12-12 खिलाड़ियों का चयन किया गया था। इसमें से 7- 7 खिलाड़ियों ने कबड्डी का मैच खेला तथा 5 खिलाड़ी रिजर्व रखे गए।