
मेले में आया 25 लाख कीमत का 600 किलो का भैंसा (फोटो: पत्रिका)
Pushkar Mela 2025: पुष्कर का नया मेला मैदान अश्व वंश की मंडी बन गया है। रेतीले धोरों में मारवाड़ी, नुगरा, पंजाबी सहित कई नस्लों के अश्वों की खरीद-फरोख्त शुरू हो गई है। बाहर से आए अश्व पालक अश्वों की प्रजाति, कद-काठी के अनुसार कीमत लगा रहे हैं। मैदान की सड़क के किनारे अश्व वंश से टेन्ट भरने लगे हैं।
पशुपालन विभाग की गणना के अनुसार रविवार दोपहर तक मेला मैदान में पहुंचे 3201 पशुओं में सर्वाधिक 2102 घोड़े व 917 ऊंट पहुंचे हैं। पशु पालन विभाग की चिकित्सा टीमें धोरों में घूमकर व्यवस्थाएं जुटाने में लगे हैं। पिछले दिनों से बढ रही ऊंटों की आवक अब कम हो गई है। रविवार से धोरों में अश्व वंश की आवक तेजी से बढी है। यह क्रम पुष्कर मेले तक चलेगा। हालांकि फिलहाल पशुपालन विभाग की ओर से अधिकृत रूप से पशुओं की खरीदारी रिकॉर्ड पर नहीं ली गई है लेकिन धोरों में ऊंट पालक खरीदारी करने लगे हैं।
मेला मैदान में रविवार को उज्जैन से आया 600 किलो वजनी, 8 फीट लबा व साढ़े पांच फीट ऊंचा भैंसा आकर्षण का केन्द्र रहा। भैंसा पालक ने पहली बार मेले में आना बताया। पशुपालक ने बताया कि करीब साढ़े तीन वर्ष की उम्र के भैंसे को पालने में रोजाना डेढ हजार रुपये तक की खुराक देनी पड़ती है। भोजन के रूप में बिनौला खल, चना चोपर, अंडे, चनाचूरी, तेल, दूध, घीकल्चर व लीवर टॉनिक दिया जाता है।
Updated on:
27 Oct 2025 12:40 pm
Published on:
27 Oct 2025 12:32 pm
बड़ी खबरें
View Allअजमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग

