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Pushkar Fair 2025: पहली बार पुष्कर मेले में आया सबसे छोटा घोड़ा, बना आकर्षण का केंद्र, जानें क्यों है खास

Pushkar Mela 2025: अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले में धीरे-धीरे रौनक बढ़ने लगी है। मेला मैदान में लगातार पशुओं की संख्या में इजाफा हो रहा है।

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सबसे छोटी प्रजाति के घोड़े। फोटो: एएनआई

अजमेर। अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले में धीरे-धीरे रौनक बढ़ने लगी है। मेला मैदान में लगातार पशुओं की संख्या में इजाफा हो रहा है। मेले में करोड़ों की कीमत के घोडे़ आए है। खास बात ये है कि पहली बार पुष्कर मेले में सबसे छोटा घोड़ा भी आया है, जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

पुष्कर मेले में सबसे छोटी प्रजाति के घोड़ों के पहुंचते ही देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ने लगा। हर कोई सिर्फ एक बार सबसे छोटे घोड़े को देखना चाहता है। पुष्कर मेले में घोड़ों की सबसे छोटी प्रजाति के 4 घोड़े आए हैं। इस प्रजाति के घोड़ों की हाइट लगभग 24 से 31 इंच यानी करीब ढाई फुट होती है।

हाइट 24 से 31 इंच

जयपुर के रहने वाले अभिनव तिवारी ने बताया कि शेटलैंड पोनी मूल रूप से स्कॉटलैंड के शेटलैंड द्वीपों की रहने वाली है। छोटे कद के बावजूद यह बेहद मजबूत, समझदार व मैत्रीपूर्ण स्वभाव की होती है। यही वजह है कि इनका इस्तेमाल बच्चों की सवारी और पालतू जानवर के रूप में किया जाता है।

हर बार लाते गाय, पहली लाए छोटा घोड़ा

उन्होंने बताया कि दुनिया भर में सबसे छोटी नस्ल के रूप में पहचाने जाने वाले शेटलैंड पोनी को पंजाब से किसी दोस्त से लाया था। करीब चार साल से इनको पाल रहे है। मैं पिछले 2 साल से पुष्कर मेले आया हूं। हर बार छोटी नस्ल की गाय लाता था। इस बार तीनों नस्ल की गाय के साथ ही पहली बार छोटा घोड़ा लेकर आया हूं।

दूसरे राज्यों से पहुंच रहे घोड़े

पंजाब, हरियाणा और आसपास के राज्यों से पशुपालक घोड़े को लेकर पहुंच रहे हैं। पशुपालन विभाग के अनुसार इस बार भी 5000 से ज्यादा घोड़े पहुंचने की संभावना है। पुष्कर मेले में आने वाले पशुओं के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी 30 अक्टूबर से शुरू होंगे।

मेले का औपचारिक आगाज 30 अक्टूबर को

बता दें कि पुष्कर मेले 2025 की शुरुआत 22 अक्टूबर से औपचारिक शुरूआत हुई है। पुष्कर मेले का औपचारिक आगाज 30 अक्टूबर को होगा। 30 अक्टूबर की शाम पुष्कर सरोवर के घाटों पर दीपदान किया जाएगा। पुष्कर सरोवर के लगभग सभी घाट सवा लाख दीयों की रोशनी से जगमगाएंगे। 56 भोग की झांकी सजा कर ब्रह्माजी को 51 सौ किलो अन्नकूट का भोग लगाया जाएगा।