
Ahmedabad. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती है। इस दिन देश-भर में होने वाली रन फॉर यूनिटी में आप सब भी जरूर शामिल हों। एकता की दौड़, एकता को मजबूती देगी। ये उस महान विभूति के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने भारत को एकता के सूत्र में पिरोया था। एक प्रकार से युवा चेतना का ये अवसर बनना चाहिए।
उन्होंने रविवार को अपने मन की बात कार्यक्रम की 127वीं कड़ी में यह बात कही।
पीएम मोदी ने कहा कि वैसे मुझे 31 अक्टूबर का इंतजार है। यह लौहपुरुष सरदार पटेल की जयंती का दिन है। इस अवसर पर हर वर्ष गुजरात के एकता नगर में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के समीप विशेष समारोह आयोजित किए जाते हैं। यहीं पर एकता दिवस परेड भी होती है। इस परेड में फिर से भारतीय श्वानों के सामर्थ्य का प्रदर्शन होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की 150वीं जयंती का दिन है। यह पूरे देश के लिए एक बहुत विशेष अवसर है। सरदार पटेल आधुनिक काल में राष्ट्र की सबसे महान विभूतियों में से एक रहे हैं। उनके विराट व्यक्तित्व में अनेक गुण एक साथ समाहित थे। उन्होंने भारत और ब्रिटेन दोनों ही जगह पढ़ाई में बेहतरीन प्रदर्शन किया। वे अपने समय के सबसे सफल वकीलों में से एक थे। वो वकालत में और नाम कमा सकते थे, लेकिन गांधी से प्रेरित होकर उन्होंने खुद को स्वतंत्रता आंदोलन में पूरी तरह समर्पित कर दिया।
‘खेड़ा सत्याग्रह’ से लेकर ‘बोरसद सत्याग्रह’ तक अनेक आंदोलनों में उनके योगदान को आज भी याद किया जाता है। अहमदाबाद नगरपालिका के प्रमुख के रूप में उनका कार्यकाल भी ऐतिहासिक रहा था। उन्होंने स्वच्छता और सुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के रूप में उनके योगदान के लिए हम सभी सदैव उनके ऋणी रहेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के वन विभाग की ओर से मैंग्रोव के इस महत्व को समझते हुए चलाई जा रही विशेष मुहिम का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पांच साल पहले वन विभाग की टीमों ने अहमदाबाद के नजदीक धोलेरा में मैंग्रोव लगाने का काम शुरू किया था। आज धोलेरा तट पर साढ़े तीन हजार हेक्टेयर में मैंग्रोव फैल चुके हैं।
इन मैंग्रोव का असर आज पूरे क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। वहां के इको सिस्टम में डॉल्फिन की संख्या बढ़ गई है। केकड़े और दूसरे जलीय जीव भी पहले से ज्यादा हो गए हैं। यही नहीं, अब वहां प्रवासी पक्षी भी काफी संख्या में आ रहे हैं। इससे वहां के पर्यावरण पर अच्छा प्रभाव तो पड़ा ही है, धोलेरा के मछली पालकों को भी फायदा हो रहा है। कच्छ में भी इन दिनों मैंग्रोव पौधरोपण जोरों पर है। वहां कोरी क्रीक में ‘मैंग्रोव लर्निंग सेंटर’ भी बनाया है। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा पेड़, पौधे लगाने की लोगों से अपील की।
Published on:
26 Oct 2025 08:35 pm
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