Ahmedabad. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाना हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता है। इस संदर्भ में स्वदेशी के राष्ट्रीय अभियान में सभी को सक्रिय भूमिका निभानी है। राष्ट्र सर्वोपरि की भावना के साथ भारतीय वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा देना है।
वे शनिवार को गुजरात विद्यापीठ के 71वें दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रही थीं। राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी की ओर से 1920 में स्थापित गुजरात विद्यापीठ में आने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह विद्यापीठ राष्ट्रनिर्माण और आत्मनिर्भरता के जीवंत आदर्श का 105 वर्ष पहले स्थापित किया गया ऐतिहासिक प्रतीक है। विद्यार्थियों को संकल्प लेना चाहिए कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। विश्व समुदाय में भारत को क्षमता के अनुरूप अग्रणी स्थान दिलाना है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि गुजरात में स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करने की संस्कृति को पूरे देश में प्रसारित करने की आवश्यकता है। विद्यापीठ के विद्यार्थी इस संस्कृति के संवाहक बनेंगे। गुजरात के उद्यमियों ने देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ी है। सफल प्रवासी भारतीयों में गुजरात के लोगों की बड़ी संख्या है। उन्होंने कहा कि हमें पर्यावरण अनुकूल विकास के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। चरित्र निर्माण और नैतिक मूल्यों का संचार ही शिक्षा का मूल उद्देश्य है। राष्ट्रपति ने विद्यापीठ में बेटियों की संख्या छात्रों से अधिक होने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल सह कुलाधिपति आचार्य देवव्रत ने कहा कि स्वदेशी को अपनाएंगे तो महात्मा गांधी के सपनों का भारत बना पाएंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बापू की दिखाई दिशा में राष्ट्र को आगे बढ़ाने को प्रयासरत हैं।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि भारत ज्ञान और कौशल का देश है। स्किल, इनोवेशन और मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। गुजरात विद्यापीठ की स्थापना के बाद पहली बार इसके दीक्षांत समारोह में सीएम मौजूद रहे।
713 विद्यार्थियों को डिग्री और नौ विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। स्वागत भाषण में गुजरात विद्यापीठ के कुलपति डॉ. हर्षद पटेल ने कहा कि राष्ट्र को विकसित भारत बनाने में गुजरात विद्यापीठ प्रयासरत रहेगी।
Published on:
11 Oct 2025 10:44 pm
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