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देश के कपास उत्पादन में गुजरात की 25 फीसदी हिस्सेदारी

7 अक्टूबर: विश्व कपास दिवस पर विशेष, कृषिमंत्री ने कहा बीते दो दशक में कपास उत्पादन में गुजरात की बदली तस्वीर, गुजरात की अर्थव्यवस्था में कपास की अहम भूमिका

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Cotton

Ahmedabad. कपड़ा बनाने के लिए जरूरी कपास के उत्पादन में गुजरात की अहम हिस्सेदारी है। देश का एक चौथाई यानी 25 फीसदी कपास उत्पादन गुजरात में होता है। बीते दो दशक में गुजरात में कपास के उत्पादन में रेकॉर्ड वृद्धि हुई है। यह राज्य की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है।

सात अक्टूबर को मनाए जाने वाले विश्व कपास दिवस को लेकर गुजरात के कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि वर्ष 1960 में गुजरात की स्थापना के समय गुजरात की कपास उत्पादकता केवल 139 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी, जो आज 2024-25 में बढ़कर 512 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक पहुंच गई है। यह देश की औसत कपास उत्पादकता से भी अधिक है।

गुजरात में कपास का बुवाई क्षेत्र वर्ष 2001-02 तक 17.49 लाख हेक्टेयर था, वह 2024-25 में बढ़कर 23.71 लाख हेक्टेयर हो गया है। कपास का उत्पादन भी उस समय 17 लाख गांठ था, जो 2024-25 में बढ़कर 71 लाख गांठ हो गया और उत्पादकता 165 किग्रा प्रति हेक्टेयर से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 512 किग्रा प्रति हेक्टेयर पहुंच गई है।

राज्य में इस साल 21.39 लाख हेक्टेयर में बुवाईकृषि मंत्री ने कहा कि गुजरात आज कपास के बुवाई क्षेत्र, उत्पादन और उत्पादकता के मामले में पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। चालू वर्ष 2025-26 में अब तक राज्य के कुल 21.39 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की बुवाई हुई है। इस वर्ष भी कुल 73 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है। आज गुजरात देश के कुल कपास बुवाई क्षेत्र में 20 फीसदी और कुल कपास उत्पादन में लगभग 25 फीसदी का योगदान देता है।

बीटी कपास के दौर में भी अग्रणी रहा राज्य

कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि बीटी कपास के दौर में भी पूरे देश में बीटी संकर किस्म विकसित करने, उसकी मान्यता प्राप्त करने में गुजरात अग्रणी रहा। गुजरात सरकार के गहन प्रयासों से सार्वजनिक क्षेत्र की पहली दो बीटी संकर किस्मों - गुजरात कपास संकर-6 बीजी-2 और गुजरात कपास संकर-8 बीजी-2 को वर्ष 2012 में भारत सरकार से मान्यता मिली थी। इसके बाद, वर्ष 2015 में गुजरात ने दो और बीटी संकर किस्में - गुजरात कपास संकर-10 बीजी-2 और गुजरात कपास संकर-12 बीजी-2 विकसित कर किसानों को कपास की खेती के लिए बीटी कपास की चार किस्में उपलब्ध कराईं।