
अहमदाबाद शहर के लाल दरवाजा क्षेत्र स्थित भद्र महाकाली मंदिर।
अहमदाबाद. भद्रकाली माता अहमदाबाद शहर की नगरदेवी के रूप में प्रसिद्ध हैं। यह मंदिर शहर के बीचों बीच लाल दरवाजा के भद्र किले के पास स्थित है। देवी भद्रकाली को शहर की संरक्षक माना जाता है। माना जाता है कि माता भद्रकाली में शक्ति के तीनों रूप -महाकाली, महालक्ष्मी एवं सरस्वती समाहित हैं। इस मंदिर में नवरात्रि के चलते इन दिनों श्रद्धालुओं की खूब भीड़ रहती है। अहमदाबाद यूनेस्को की ओर से घोषित भारत का एकमात्र हेरिटेज शहर है।पौराणिक कथाओं में यह भी उल्लेख है कि पाटण के राजा एवं गुजरात राज्य की स्थापना करने वाले राणा कर्णदेव ने साबरमती नदी के किनारे कर्णावती नगर की स्थापना की थी। उस दौरान सबसे पहले राजा ने यहां माता का मंदिर बनवाया था। यह भी कहा जाता है कि अहमदशाह बादशाह ने कर्णावती नगरी के क्षेत्र में अहमदाबाद शहर की स्थापना की थी। उस दौरान उन्होंने भद्र किला बनवाया था। इस किले से सटे हुए भाग में ही माता भद्रकाली का ऐतिहासिक मंदिर है।
अहमदाबाद शहर के सबसे पुराने मंदिरों में से भद्रकाली माता का मंदिर शामिल है। यह भी कहा जाता है कि भद्रकाली माता का एक मंदिर माणेक चौक में था, उस दौरान आक्रमण करने वालों ने मंदिर को नुकसान पहुंचाया था।
ऐतिहासिक शहर अहमदाबाद में पहली बार 26 फरवरी 2025 को भद्रकाली माता की नगर यात्रा निकाली गई। शहर के 614 वर्ष के इतिहास में यह पहली बार था जब यह यात्रा निकाली गई। शहर के स्थापना दिवस पर यह यात्रा निकाली गई थी। उस दौरान संकल्प लिया था कि हर वर्ष माता भद्रकाली की नगर यात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी।
मंदिर के संचालन करने वाले और ट्रस्ट के अध्यक्ष शशिकांत तिवारी ने बताया कि मंदिर कम से कम 615 वर्ष पूर्व प्राचीन है। इस काल में अनेक उतार चढ़ाव देखे। आक्रमणकारियों ने कई बार मंदिर को तोड़ने व नुकसान पहुंचाने के प्रयास किए थे। उन्होंने कहा कि मंदिर में चैत्र व शरद नवरात्रि के दौरान बड़ी संख्या में लोग दर्शनों को आते हैं। इस दौरान विविध आयोजन भी किए जाते हैं।
Published on:
30 Sept 2025 11:12 pm
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