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अहमदाबाद महानगरपालिका ने अहमदाबाद शहर को आगामी वर्ष 2030 तक रेबीज मुक्त बनाने को अभियान छेड़ा है। इस दिशा में आवारा व पालतू श्वानों को रेबीज निरोधक टीका लगाने के साथ नसबंदी भी की जा रही है। पिछले पांच वर्ष में शहर में 1.34 लाख श्वानों की नसबंदी की गई है।भारत में रेबीज की मौत का आंकड़ा ज्यादा है। विश्व में रेबीज से होने वाली कुल मौत में से भारत की हिस्सेदारी 36 फीसदी के आसपास है। अहमदाबाद महानगरपालिका की ओर से गुरुवार से आगामी 2 अक्टूबर तक रेबीज जागरूकता कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। जिसमें निर्णय किया गया है कि सभी लोग मिलकर आगामी 2030 तक शहर को रेबीज मुक्त बनाने की दिशा में काम करेंगे।
गुरुवार को अहमदाबाद मैनेजमेंट एसोसिएशन (एएमए) परिसर में आयोजित कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने कहा कि समय पर उपचार लिया जाए तो रेबीज की रोकथाम 100 फीसदी तक हो सकती है। उपचार नहीं कराने पर यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।
अहमदाबाद में आठ करोड़ रुपए के बजट से कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ श्वानों की नसबंदी और उनका टीकाकरण किया जा रहा है। वर्ष 2021 की शुरुआत से सितंबर 2025 तक, शहर भर में 1.34 लाख श्वानों का नसबंदी और टीकाकरण किया जा चुका है।
अहमदाबाद महानगरपालिका के पशु उपद्रव नियंत्रण विभाग (सीएनसीडी) ने पालतू श्वानों का का पंजीकरण अनिवार्य किया है। ऑनलाइन पंजीकरण की प्रणाली के तहत गत एक जनवरी से अब तक 18,000 से अधिक श्वानों का पंजीकरण हो गया है। इससे विविध पहलुओं पर नजर रखने में मदद मिलेगी।
मनपा ने अनेक उपलब्धि हासिल की हैं, इसके बावजूद श्वानों को लेकर कुछ चुनौतियां हैं। शहर में लगभग 2.10 लाख श्वान हैं। प्रतिदिन शहर में 8-10 डॉग बाइट के मामले सामने आते हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
Published on:
25 Sept 2025 10:57 pm
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