4 अगस्त 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

सावन की पहली एकादशी पर बन रहे 5 शुभ योग, जानिए सावन एकादशी तारीख, पूजा मुहूर्त और महत्व

Kamika Ekadashi Date: हर महीने में दो एकादशी पड़ती है। पहली एकादशी कृष्ण पक्ष में और दूसरी एकादशी शुक्ल पक्ष में। सावन महीने की पहली एकादशी कामिका एकादशी के नाम से जानी जाती है। आइये जानते हैं सावन की पहली एकादशी कब है और इस तिथि पर कौन से 5 शुभ योग बन रहे हैं, मुहूर्त क्या है (Sawan Ki Pahali Ekadashi Kab Hai 2025) ।

भारत

Pravin Pandey

Jul 10, 2025

Sawan Ki Pahali Ekadashi Kab Hai 2025
Kamika Ekadashi Date: कब है सावन की पहली एकादशी (Photo Credit: Pixabay)

Sawan Ki Pahali Ekadashi Kab Hai 2025: सावन की पहली एकादशी यानी कृष्ण पक्ष की एकादशी कामिका एकादशी के नाम से जानी जाती है। खास बात यह है कि कामिका एकादशी 2025 सोमवार के दिन पड़ रही है। इसलिए इसका महत्व बढ़ गया है।

इस दिन व्रत उपवास रखकर भगवान विष्णु की पूजा के साथ भगवान शिव की पूजा का भी विधान है। इस व्रत और हरिहर की पूजा से हर कष्ट दूर हो जाएंगे और कोई भी कामना शेष नहीं रहेगी। मान्यता है कि इस दिन पूजा अर्चना और जलाभिषेक से भोलेनाथ शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं और हर मनोकामना पूरी करेंगे। आइये जानते हैं कब है सावन की पहली एकादशी यानी कामिका एकादशी 2025 की डेट, शुभ योग और मुहूर्त क्या हैं (Kamika Ekadashi Date)

कब है कामिका एकादशी 2025 (Kamika Ekadashi Date)

श्रावण कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि का प्रारंभः रविवार 20 जुलाई 2025 को दोपहर 12.12 बजे
श्रावण कृष्ण पक्ष एकादशी का समापनः सोमवार 21 जुलाई 2025 को सुबह 09:38 बजे तक
कामिका एकादशी 2025: सोमवार, 21 जुलाई 2025
सावन की पहली एकादशी पारण (व्रत तोड़ने का समय): सुबह 05:52 बजे से 07:05 बजे तक
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समयः सुबह 07:05 बजे

कामिका एकादशी 2025 पर शुभ योग (Shubh Yog On Kamika Ekadashi Date)

कामिका एकादशी 2025 पर कई शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में पूजा अर्चना का विशेष फल होता है और हर काम में सफलता मिलती है। आइये जानते हैं कौन से शुभ योग बन रहे हैं।

वृद्धि योगः शाम 06:39 बजे तक
ध्रुव योगः दिन भर
सर्वार्थ सिद्धि योगः पूरे दिन
अमृत सिद्धि योगः रात 09:07 बजे से 22 जुलाई को सुबह 05:52 बजे तक

शिव वास पर रुद्राभिषेक का महत्व (Shiv Vas On Sawan Ki Pahali Ekadashi)

पंचांग के अनुसार एकादशी के दिन रुद्राभिषेक से भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद मिलता है। खास बात है इस दिन रुद्राभिषेक का भी विशेष मुहूर्त है। आइये जानते हैं इस दिन शिव वास मुहूर्त और उनका महत्व

शिववास योग : कैलाश पर सुबह 09:38 बजे तक
(शिव वास कैलाश पर होने पर रुद्राभिषेक का समय बेहद शुभ होता है। इस समय रुद्राभिषेक से सुख की प्राप्ति होती है।)

नंदी परः 9.39 बजे से
(शिव वास नंदी पर होने यानी शिव के नंदी पर विराजमान होने पर रुद्राभिषेक से हर काम में सफलता मिलती है।)

आनंदादि योग

वर्धमानः शाम 09:07 बजे तक
आनंद योग: दिन भर

कामिका एकादशी का महत्व

मान्यता है कि कामिका एकादशी व्रत से ब्रह्म हत्या तक के दोष खत्म हो जाते हैं। सावन की पहली एकादशी भगवान विष्णु और शिव के आशीर्वाद से कई प्रकार के पापों का शमन करने में सक्षम होती है। कामिका एकादशी व्रत से स्वर्गलोक की प्राप्ति होती है। व्यक्ति को मोक्ष मिलता है। इस दिन तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन दान पुण्य से कई गुना अधिक फल मिलता है।