Kanya Puja Age: ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार नवरात्रि में कन्या पूजन या कुमारी पूजा, महाष्टमी और रामनवमी दोनों ही तिथियों को किया जा सकता है। इसी के साथ महाष्टमी को मां महागौरी और रामनवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। जिन घरों में महाष्टमी और महानवमी की पूजा होती है, वहां इस दिन कन्याओं को भोजन कराया जाता है और उन्हें गिफ्ट बांटे जाते हैं। इसी के साथ आइये जानते हैं कन्या भोज का महत्व, पूजा के लिए कन्या की उम्र क्या हो और क्या गिफ्ट दें (Kanya Pujan Gifts For Girls)
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार धर्म ग्रंथों में कहा गया है कि नवरात्रि के अंतिम दिन कौमारी पूजन आवश्यक होता है। क्योंकि कन्या पूजन के बिना भक्त के नवरात्र व्रत अधूरे माने जाते हैं। कन्या पूजन के लिए अष्टमी और नवमी तिथि को उपयुक्त माना जाता है। कन्या भोज के लिए दस वर्ष तक की कन्याएं उपयुक्त होती हैं।
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा ने बताया कि अष्टमी को विविध प्रकार से मां शक्ति की पूजा करें। इस दिन देवी के शस्त्रों की पूजा करनी चाहिए। इस तिथि पर विविध प्रकार से पूजा करनी चाहिए और विशेष आहुतियों के साथ देवी की प्रसन्नता के लिए हवन करवाना चाहिए।
इसके साथ ही 9 कन्याओं को देवी का स्वरूप मानते हुए भोजन करeना चाहिए। दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा को विशेष प्रसाद चढ़ाना चाहिए। पूजा के बाद रात्रि को जागरण करते हुए भजन, कीर्तन, नृत्यादि उत्सव मनाना चाहिए।
Kanya Puja Age: ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार हर उम्र की कन्या पूजा का अलग महत्व होता है और अलग फल मिलता है। आइये जानते हैं अलग-अलग उम्र की कन्या पूजा का फल क्या मिलता है।
ज्योतिषी शर्मा के अनुसार 2 साल की कन्या को कौमारी कहा जाता है। इनकी पूजा से दुख और दरिद्रता खत्म होती है।
3 साल की कन्या त्रिमूर्ति मानी जाती है। त्रिमूर्ति के पूजन से धन-धान्य का आगमन और परिवार का कल्याण होता है।
4 साल की कन्या कल्याणी मानी जाती है। इनकी पूजा से सुख-समृद्धि मिलती है। 5 साल की कन्या रोहिणी माना गया है। इनकी पूजन से रोग-मुक्ति मिलती है।
6 साल की कन्या कालिका होती है। इनकी पूजा से विद्या और राजयोग की प्राप्ति होती है।
7 साल की कन्या को चंडिका माना जाता है। इनकी पूजा से ऐश्वर्य मिलता है।
8 साल की कन्या शांभवी होती है। इनकी पूजा से लोकप्रियता प्राप्त होती है।
9 साल की कन्या दुर्गा को दुर्गा कहा गया है। इनकी पूजा से शत्रु विजय और असाध्य कार्य सिद्ध होते हैं।
10 साल की कन्या सुभद्रा होती है। सुभद्रा के पूजन से मनोरथ पूर्ण होते हैं और सुख मिलता है।
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1.ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा ने बताया कि कन्या पूजन के दिन घर आईं कन्याओं का सच्चे मन से स्वागत करना चाहिए। इससे देवी मां प्रसन्न होती हैं।
2. इसके बाद स्वच्छ जल से उनके पैरों को धोना चाहिए। इससे भक्त के पापों का नाश होता है।
3. पैर धोने के बाद कन्याओं को साफ आसन पर बैठाना चाहिए। अब सारी कन्याओं के माथे पर कुमकुम का टीका लगाना चाहिए और कलावा बांधना चाहिए।
4. इसके बाद सभी नौ कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए। इससे भक्त की तरक्की होती है।
5. कन्याओं को भोजन कराने से पहले अन्य का पहला हिस्सा देवी मां को भेंट करें, फिर सारी कन्याओं को भोजन परोसें।
वैसे तो मां दुर्गा को हलवा, चना और पूरी का भोग लगाया जाता है। लेकिन अगर आपका सामर्थ्य नहीं है तो आप अपनी इच्छानुसार कन्याओं को भोजन कराएं।
6. भोजन समाप्त होने पर कन्याओं को अपने सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा अवश्य दें। क्योंकि दक्षिणा के बिना दान अधूरा रहता है।
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ज्योतिषी नीतिका शर्मा के अनुसार अलग-अलग मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अलग आयु की कन्याओं की पूजा करनी चाहिए और उन्हें अलग गिफ्ट देना चाहिए। आइये जानते हैं कन्या पूजा उपाय
यदि शादी में देरी हो रही है तो पांच साल की कन्या को खाना खिलाकर श्रृंगार का सामान भेंट करें।
पैसों की कमी से परेशान हैं तो चार साल की कन्या को खीर खिलाएं। इसके बाद पीले कपड़े और दक्षिणा दें।
नौ साल की तीन कन्याओं को भोजन सामग्री और कपड़ें दें।
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा ने बताया कि तीन और दस साल की कन्याओं को मिठाई दें।
छह साल की कन्या को छाता और कपड़ें भेंट करें।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पांच से 10 साल की कन्याओं को भोजन सामग्री देकर दूध, पानी या फलों का रस भेंट करें। सौन्दर्य सामग्री भी दें।
Updated on:
06 Apr 2025 10:52 am
Published on:
04 Apr 2025 09:28 pm