
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। (Photo - The Washington Post)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक जलवायु प्रयासों पर अपना रुख एक बार और साफ कर दिया है। दरअसल, इस साल 10 नवंबर 2025 से 21 नवंबर 2025 तक ब्राजील में COP30 क्लाइमेट समिट का आयोजन किया गया है। खबर है कि इसमें अमेरिका के बड़े अधिकारी शामिल नहीं होंगे। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी।
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका के इस निर्णय से दुनिया के उन नेताओं की चिंता कम हो जाएगी, जिन्हें लगता है कि अमेरिका उनकी बातचीत में बाधा डालने की कोशिश कर सकता है।
बता दें कि बहुपक्षीय जलवायु प्रयासों पर ट्रंप ने पहले ही अपने विचार स्पष्ट कर दिए हैं। पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए उन्होंने जलवायु परिवर्तन को दुनिया का सबसे बड़ा धोखा बताया था।
साथ ही ट्रंप ने पर्यावरण नीतियां बनाने वाले देशों की आलोचना भी की थी। उन्होंने कहा कि इन नीतियों के चलते कई देशों को भारी नुकसान हुआ है।
इतना ही नहीं ट्रंप ने राष्ट्रपति पद पर बैठते ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से हट जाएगा।
इस महीने की शुरुआत में ट्रंप प्रशासन ने उन देशों के खिलाफ वीजा प्रतिबंध, आर्थिक प्रतिबंध और अन्य सख्त कदम उठाने की धमकी दी थी, जो संयुक्त राष्ट्र की अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (इंटरनेशनल मेरीटाइम ऑर्गेनाइजेशन) द्वारा प्रस्तावित नेट-जीरो फ्रेमवर्क का समर्थन करते हैं।
यह फ्रेमवर्क ग्लोबल शिपिंग क्षेत्र से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती के प्रस्ताव का सपोर्ट करता है। इस धमकी के कारण आईएमओ के अधिकांश देशों ने अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग के लिए ग्लोबल कार्बन मूल्य निर्धारित करने के निर्णय को एक वर्ष के लिए टाल दिया।
ट्रंप प्रशासन ने अब इसकी जगह पर द्विपक्षीय ऊर्जा समझौतों पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसमें दक्षिण कोरिया और यूरोपीय संघ जैसे साझेदारों को अमेरिकी तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) निर्यात का विस्तार करने के समझौते शामिल हैं।
अमेरिका के ऊर्जा मंत्री क्रिस राइट ने शुक्रवार को कहा कि नेचुरल गैस की मांग को देखते हुए चीन और अमेरिका के बीच व्यापक ऊर्जा व्यापार की गुंजाइश है।
उधर, व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि जलवायु परिवर्तन पर दुनिया भर का नजरिया अब बदल रहा है। उन्होंने बिल गेट्स के एक ज्ञापन का हवाला दिया। जिन्होंने इस सप्ताह तर्क दिया गया था कि तापमान लक्ष्यों से ध्यान हटाने का समय आ गया है।
गेट्स ने कहा कि जलवायु परिवर्तन मानवता के विनाश का कारण नहीं बनेगा। इस साल की शुरुआत में अमेरिका ने प्लास्टिक प्रदूषण पर प्रस्तावित वैश्विक संधि के कुछ हिस्सों का भी विरोध किया था। साथ ही प्लास्टिक उत्पादन पर सीमा निर्धारित करने के विरुद्ध तर्क दिया था।
Published on:
01 Nov 2025 08:04 am
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग

