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शांति का नोबेल पुरस्कार चाहने वाले ट्रंप के पाकिस्तान को हथियार सप्लाई करने पर सफाई देने के क्या मायने हैं?

US Pakistan Arms Denial:अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार तो नहीं मिला, अलबत्ता पाकिस्तान को ह​थियारों की सप्लाई की खबरों पर वे सवालों के घेरे में आ गए हैं।

3 min read

भारत

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MI Zahir

Oct 10, 2025

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Photo-IANS)

US Pakistan Arms Denial: अमेरिका ने पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति (US Pakistan Arms Denial) की अफवाहों पर सख्ती से विराम लगा दिया है। यूएस एम्बेसी ने स्पष्ट किया कि हालिया कॉन्ट्रैक्ट मॉडिफिकेशन में पाकिस्तान को नई अमराम क्रूज मिसाइलें (AMRAAM Missiles Pakistan) नहीं दी जा रही हैं। यह सिर्फ मौजूदा सिस्टम के लिए स्पेयर पार्ट्स और मेन्टेनेंस का मामला है, जो पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को अपग्रेड नहीं करता। यह बयान 30 सितंबर को डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस के ऐलानके बाद आया, जिसमें पाकिस्तान को कई देशों की लिस्ट में शामिल किया गया था। पूर्व भारतीय राजनयिक केपी फैबियन (KP Fabian Comments) ने इसे "सीमित स्पष्टीकरण" बताया, जो सिर्फ क्रूज मिसाइलों (US Pakistan Arms Denial) तक सीमित है। उन्होंने कहा, "अमेरिका यह साफ कर रहा है कि कोई नई या अपग्रेडेड मिसाइलें नहीं दी जा रहीं।" यह सफाई भारत की सुरक्षा चिंताओं को कम करने का प्रयास लगता है, खासकर जब पाकिस्तान की ओर से क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म के आरोप लगते रहते हैं। अगर आप साउथ एशिया की जियोपॉलिटिक्स में रुचि रखते हैं, तो यह खबर अमेरिका की बैलेंसिंग एक्ट को उजागर करती है।

आमिर खान मुत्तकी की भारत यात्रा से रिश्तों को नई गति

इसी बीच, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी की भारत यात्रा ने रिश्तों को नई गति दी है। 9-16 अक्टूबर की इस यात्रा में मुत्तकी ने पहली बार नई दिल्ली पहुंचकर विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। जयशंकर ने काबुल में भारत के टेक्निकल मिशन को फुल एम्बेसी का दर्जा देने की घोषणा की, जो 2021 के बाद बड़ा कूटनीतिक कदम है।

यह यात्रा दोनों देशों के लिए अहम

मुत्तकी ने कहा, "यह यात्रा दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है। तालिबान को मान्यता न देना अंतरराष्ट्रीय समुदाय की बड़ी गलती थी – सत्ता में बैठे लोगों से बातचीत जरूरी है।" जयशंकर ने अफगानिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन दोहराया, साथ ही क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म को साझा चुनौती बताया। यह मुलाकात यूएन सैंक्शंस कमिटी की मंजूरी के बाद संभव हुई, जो मुत्तकी को ट्रैवल बैन से छूट देती है।

जयशंकर ने खाद्य सहायता काबुल भेजने का ऐलान किया

भारत ने अफगानिस्तान के लिए कई नई पहलें की घोषणा की। जयशंकर ने कहा कि भारत अफगान अस्पतालों को एमआरआई-सीटी स्कैन मशीनें, टीकाकरण, कैंसर दवाएं और ड्रग रिहैब सामग्री प्रदान करेगा। हाल के भूकंप में भारत की त्वरित राहत को सराहते हुए मुत्तकी ने माइनिंग और ट्रेड में भारतीय कंपनियों को आमंत्रित किया। जयशंकर ने खाद्य सहायता की नई खेप काबुल भेजने का ऐलान किया।

अमेरिका की सफाई का मतलब

फैबियन ने कहा, "यह स्पष्टीकरण अमेरिका-पाक रिश्तों को बैलेंस करता है, लेकिन भारत-अफगान सहयोग को मजबूत करने का संकेत है।" अमेरिका की सफाई का मतलब साफ है – पाक को नई ताकत न देकर भारत की चिंताओं का ख्याल रखना। यह कदम दक्षिण एशिया में स्थिरता के लिए भारत-अमेरिका साझेदारी को रेखांकित करता है।

भारत के हित में स्मार्ट मूव

सोशल मीडिया पर यूजर्स ने अमेरिका की सफाई को "भारत के हित में स्मार्ट मूव" बताया। X पर एक यूजर ने लिखा, "अमेरिका ने पाक की उड़ानें काट दीं!" मुत्ताकी की यात्रा पर अफगान यूजर्स उत्साहित हैं, "भारत दोस्त है, एम्बेसी अपग्रेड से रिश्ते मजबूत होंगे।" कुछ ने तालिबान मान्यता पर सवाल उठाए, लेकिन ज्यादातर पॉजिटिव। इधर #India Afghanistan और #USPakistanArms ट्रेंड कर रहे हैं।

अमेरिका-पाक कॉन्ट्रैक्ट पर नजर रहेगी

क्या और स्पष्टीकरण आएंगे? मुत्ताकी आगरा और देवबंद भी जाएंगे, जहां अफगान कम्युनिटी से मिलेंगे। भारत-अफगान ट्रेड और माइनिंग पर नए समझौते हो सकते हैं। 2026 तक एम्बेसी फुल ऑपरेशनल हो जाएगी।

अमेरिका की सफाई के मायने

बहरहाल अमेरिका की सफाई सिर्फ हथियारों तक सीमित नहीं – यह पाक-चीन सैन्य गठजोड़ को काउंटर करने की रणनीति है। भारत-अफगान करीबी पाक की प्रॉक्सी वॉर को कमजोर करेगी। लेकिन तालिबान के साथ डील से महिलाओं के अधिकारों पर सवाल उठ रहे हैं। क्या यह ग्लोबल साउथ में भारत की सॉफ्ट पावर बढ़ाएगा ?
( इनपुट क्रेडिट: यूएस एम्बेसी स्टेटमेंट, ANI व IANS)