Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आर्कटिक की आग में अमेरिका-फिनलैंड का बर्फीला गठबंधन: 11 आइसब्रेकर से रूस-चीन को कड़ा संदेश!

Arctic Icebreakers Deal: अमेरिका और फिनलैंड ने 11 आइसब्रेकर बनाने का समझौता किया, जिसमें 4 फिनलैंड में और 7 अमेरिका में बनेंगे।

2 min read

भारत

image

MI Zahir

Oct 10, 2025

Arctic Icebreakers Deal

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब व्हाइट हाउस में। (फोटो : एएनआई)

Arctic Icebreakers Deal: आर्कटिक की बर्फ पिघल रही है, लेकिन राजनीतिक तनाव गर्म हो रहा है। गुरुवार को व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Trump Stubb Summit) और फिनलैंड के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर स्टब ने एक बड़ा समझौता किया। इसके तहत 11 नए आइसब्रेकर जहाज (Arctic Icebreakers Deal) बनाए जाएंगे – चार फिनलैंड के शिपयार्ड में (US Finland Agreement) और सात अमेरिका में बनाए जाएंगे। यह कदम अमेरिका के कोस्ट गार्ड को आर्कटिक में मजबूत करने का है, जहां जलवायु परिवर्तन से नए रास्ते खुल रहे हैं, लेकिन रूस और चीन की बढ़ती सक्रियता चिंता का विषय बनी हुई है। फिनलैंड, जो दुनिया के आइसब्रेकर बनाने में नंबर वन है, अपनी विशेषज्ञता साझा करेगा। यह डील करीब 51,270 करोड़ रुपये की है और 2028 तक पहला जहाज तैयार हो सकता है।

अमेरिका को जहाजों की सख्त जरूरत

ट्रंप ने बैठक में साफ कहा कि अमेरिका को इन जहाजों की सख्त जरूरत है, क्योंकि आर्कटिक में बहुत बड़ा इलाका है। फिनलैंड के स्टब ने भी ट्रंप की तारीफ की और बताया कि चुनाव जीतते ही ट्रंप ने आइसब्रेकर का मुद्दा उठाया था। दोनों देशों के बीच यह सहयोग न सिर्फ सैन्य, बल्कि आर्थिक रूप से भी फायदेमंद है। फिनलैंड के शिपयार्ड को बूस्ट मिलेगा, जबकि अमेरिका अपनी पुरानी फ्लीट को अपग्रेड करेगा। वर्तमान में अमेरिकी कोस्ट गार्ड के पास सिर्फ दो सक्रिय आइसब्रेकर हैं – एक 1976 का पुराना और दूसरा हाल ही में कमीशन किया गया। रूस के पास 40 से ज्यादा हैं, जो आर्कटिक में उनकी बादशाही दिखाते हैं। यह डील अमेरिका को इस रेस में पीछे न छोड़ने का प्लान है। विशेषज्ञ कहते हैं कि पिघलती बर्फ से ट्रेड रूट्स बढ़ेंगे, लेकिन सिक्योरिटी रिस्क भी।

यह समझौता मास्टरस्ट्रोक

ट्रंप ने फिर साबित कर दिया कि डिप्लोमेसी में गोल्फ और बिजनेस डील्स से बड़ा क्या हो सकता है। फिनलैंड के स्टब ने X पर पोस्ट किया, "फिनिश एक्सपर्टाइज को ट्रस्ट करना शानदार है।" सोशल मीडिया पर यूजर्स इसे "आर्कटिक चेस मूव" बता रहे हैं। रूस-चीन वाले इसे "प्रोवोकेशन" कह सकते हैं, लेकिन पश्चिमी दुनिया में जश्न का माहौल है। एक यूजर ने लिखा, "ट्रंप ने आइसब्रेकर से आइस तोड़ा, अब आर्कटिक अमेरिका का!" कुल मिलाकर, पॉजिटिव वाइब्स ही ज्यादा हैं।

अगला कदम क्या होगा ?

अमेरिकी कोस्ट गार्ड अब डोमेस्टिक प्रोडक्शन प्लान जमा करेगा, जिसमें फिनिश डिजाइन का इस्तेमाल होगा। टेक्सास के गैल्वेस्टन और लुइजियाना के बोलिंगर शिपयार्ड सात जहाज बनाएंगे। फिनलैंड NATO में नया सदस्य होने के बाद और मजबूत होगा। ट्रंप ने फिनलैंड को रक्षा का वादा भी किया, अगर रूस हमला करे। यूक्रेन पर बात हुई, जहां फिनलैंड अमेरिका से और सपोर्ट चाहता है। 2028 तक डिलीवरी पर नजर रहेगी – अगर देरी हुई, तो आर्कटिक रेस में अमेरिका पीछे रह सकता है।

आर्कटिक सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि आर्थिक खजाना

पिघलती बर्फ से नए शिपिंग रूट्स खुलेंगे, जो यूरोप-एशिया ट्रेड को छोटा करेंगे। लेकिन पर्यावरण का क्या? बढ़ती गर्मी से जानवरों का नुकसान हो रहा है, और ये जहाज ईंधन से प्रदूषण बढ़ाएंगे। दूसरी तरफ, चीन और रूस पहले से माइनिंग और मिलिट्री बेस बना रहे हैं। फिनलैंड की 80% डिजाइन शेयर वाली कंपनियां जैसे Aker Arctic को बूस्ट मिलेगा। क्या यह डील ग्रीनलैंड खरीदने की ट्रंप की पुरानी कोशिश का हिस्सा है? कुल मिलाकर, आर्कटिक अब ग्लोबल चेसबोर्ड है। (इनपुट क्रेडिट: व्हाइट हाउस फैक्ट शीट व ANI)