Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

वैज्ञानिकों का दावा, डिप्रेशन का कारण दिमाग की सिर्फ दो कोशिकाओं से जुड़ा

वैज्ञानिकों ने हाल ही में डिप्रेशन के कारण के बारे में एक बड़ा दावा किया है। क्या है यह दावा? आइए नज़र डालते हैं।

less than 1 minute read

भारत

image

Tanay Mishra

Oct 14, 2025

Human brain cells

Human brain cells (Representational Photo)

डिप्रेशन (Depression) एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य विकार है। इससे इंसान की दैनिक जीवन की गतिविधियों में रुचि खत्म हो जाती है, उसकी ऊर्जा कम हो जाती है और नींद, भूख या एकाग्रता में भी परेशानी होती है। दुनियाभर में कई लोग डिप्रेशन से जूझ रहे हैं। अब तक डिप्रेशन को मुख्य रूप से भावनात्मक या मनोवैज्ञानिक बीमारी माना जाता था, लेकिन हाल ही में कनाडा (Canada) में हुई एक रिसर्च से यह साबित हुआ है कि डिप्रेशन सिर्फ मानसिक नहीं, बल्कि जैविक समस्या भी है।

डिप्रेशन के कारण के बारे में किया दावा

कनाडा के वैज्ञानिकों ने पहली बार यह पता लगाया है कि डिप्रेशन के कारण क्या है? रिसर्च के अनुसार डिप्रेशन का संबंध दिमाग में होने वाले रासायनिक और संरचनात्मक बदलावों से भी है। डिप्रेशन, दिमाग की दो कोशिकाओं से जुड़ा हुआ है। ये हैं न्यूरॉन्स और माइक्रोग्लिया।

जैविक प्रक्रियाओं से डिप्रेशन का संबंध

कनाडा के वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया कि न्यूरॉन्स और माइक्रोग्लिया कोशिकाओं में पाए गए जेनेटिक बदलावों से यह स्पष्ट हुआ है कि डिप्रेशन का गहरा संबंध दिमाग की जैविक प्रक्रियाओं से है। ऐसे में डिप्रेशन को सिर्फ मानसिक विकार कहना सही नहीं है।

मृत व्यक्तियों के दिमाग पर की रिसर्च

कनाडा के वैज्ञानिकों ने यह रिसर्च मृत व्यक्तियों के दिमाग पर की। इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पाया कि डिप्रेशन वाले लोगों के दिमाग में न्यूरॉन्स और माइक्रोग्लिया के जीन की गतिविधि सामान्य लोगों से काफी अलग होती है। एक्साइटेटरी न्यूरॉन्स मूड और तनाव को नियंत्रित करते हैं। माइक्रोग्लिया दिमाग में सूजन को नियंत्रित करती है।

इलाज का नया रास्ता ढूंढने में मिलेगी मदद

वैज्ञानिकों के अनुसार इंसानी दिमाग में न्यूरॉन्स और माइक्रोग्लिया का डिप्रेशन से संबंध पता चला एक बड़ी खोज है। इससे डिप्रेशन का इलाज करने के लिए नया रास्ता ढूंढने में मदद मिलेगी।