
रूसी सबमरीन (फोटो-@airnewsalerts)
रूस (Russia) लगातार अपने परमाणु ताकत बढ़ा रहा है। पुतिन की सेना ने खबरोवस्क नाम की एक नई न्यूक्लियर पनडुब्बी लॉन्च की है। यह पनडुब्बी पोसाइडन न्यूक्लियर ड्रोन ले जाने के लिए बनाई गई है। इस ड्रोन को 'कयामत का मिसाइल' भी कहा जाता है। जानकारों का कहना है कि यह ड्रोन इतना खतरनाक है कि यह तटीय देशों को मिटा सकता है। रूस के इस कदम के बाद से यूरोप और अमेरिका की टेंशन बढ़ गई है।
यह परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी है। ये पनडुब्बी न्यूक्लियर ड्रोन का कैरियर बनेगी। जिसे पोसाइडन कहा जाता है। इसके कारण समुद्र में नाटो के खिलाफ एक रणनीतिक बढ़ोतरी मिल सकती है। रूसी अधिकारियों ने न्यूक्लियर ड्रोन को डूम्सडे वेपन करार दिया है। उन्होंने कहा कि खबरोवस्क एक भारी न्यूक्लियर-पावर्ड मिसाइल क्रूजर है। ये पूरी तरह से पानी के नीचे चलने वाली पनडुब्बी है, जबकि पोसाइडन एक न्यूक्लियर-पावर्ड अंडरवॉटर ड्रोन है, जोकि 186 km/hr की स्पीड से चलता है। रूसी अधिकारियों ने कहा कि ये ड्रोन रेडियोएक्टिव सुनामी पैदा कर सकता है, जो तटीय इलाकों को तबाह करने में सक्षम है।
जानकारी के मुताबिक यह परमाणु पनडुब्बी सेवरोडविंस्क शहर के सेवमाश शिपयार्ड्स से लॉन्च की गई। रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलौसोव ने भी परमाणु पनडुब्बी के लॉन्चिंग के वक्त मौजूद थे। इस मौके पर बेलौसोव ने कहा कि आज हमारे लिए एक बड़ा दिन है। खबरोवस्क नाम की ये भारी न्यूक्लियर पनडुब्बी सेवमाश के स्टर्न से लॉन्च हो रही है।
सीमा सुरक्षा: रूस की समुद्री सीमा की सुरक्षा करेगी।
राष्ट्रीय हित: दुनिया के महासागरों में रूस के हितों की रक्षा होगी।
रूस को एक तरह से रणनीतिक बढ़ोतरी देगी।
डर का हथियार: पोसाइडन जैसे ड्रोन दुश्मनों को डराएंगे।
ये न्यूक्लियर डिटरेंस का काम करेगी।
पोसाइडन ड्रोन की स्पीड: 186 किमी/घंटा (सबमरीन्स और टॉरपीडो से कहीं ज्यादा है)।
रेंज: इंटरकॉन्टिनेंटल – महाद्वीपों के बीच की दूरी तय कर सकती है।
विनाशकारी क्षमता: रेडियोएक्टिव सुनामी पैदा कर तटीय शहरों को पूरी तरह तबाह करने में सक्षम है।
Published on:
03 Nov 2025 07:11 am
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