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एलन मस्क को भारी पड़ी राजनीति, रिपोर्ट में सामने आए टेस्ला को हुए नुकसान के आंकड़े

एलन मस्क को राजनीति करना भारी पड़ गया और इसका नुकसान टेस्ला को उठाना पड़ रहा है। कैसे? आइए जानते हैं।

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Elon Musk

Elon Musk (Photo - AI Generated)

एलन मस्क दुनिया के सबसे अमीर शख्स हैं। टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी कंपनियों के मालिक मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हाथ थामकर राजनीति में कदम रखा, लेकिन उनकी सियासी पारी ज़्यादा लंबी नहीं चली। ट्रंप के साथ उनकी नजदीकियाँ, दूरियों में बदलीं और वह वापस कारोबारी दुनिया में लौट आए। हालांकि सियासत की छोटी सी पारी उन्हें कई सबक सिखाने के साथ एक बड़ा जख्म भी दे गई है।

येल यूनिवर्सिटी ने दिखाई सच्चाई

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने मस्क को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी का प्रमुख बनाया था, जिसका काम सरकार की फिजूलखर्ची कम करना था। इस दौरान मस्क ने कई ऐसे बयान भी दिए, जिससे उनके खिलाफ माहौल तैयार हो गया। मस्क को सबक सिखाने के लिए लोगों ने टेस्ला का बहिष्कार शुरू कर दिया। अमेरिका के साथ-साथ ब्रिटेन मे भी मस्क के खिलाफ प्रदर्शन हुए और टेस्ला की बिक्री गिरती चली गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार येल यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्रियों द्वारा तैयार नेशनल ब्यूरो ऑफ इकनॉमिक रिसर्च के एक वर्किंग पेपर में राजनीति के चक्कर में मस्क को हुए नुकसान का ज़िक्र किया गया है।

तो बेहतर होते हालात…

इस वर्किंग पेपर में यह भी कहा गया है कि अगर मस्क की राजनीति के खिलाफ लोगों में गुस्सा नहीं होता, तो टेस्ला की बिक्री के आंकड़े काफी बेहतर होते। अक्टूबर 2022 से अप्रैल 2025 के बीच टेस्ला की अमेरिका में बिक्री 67% से 83% ज़्यादा हो सकती थी। यानी कि करीब 10 लाख से 12.6 लाख अतिरिक्त वाहनों की बिक्री। येल यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्रियों के अनुसार अमेरिकी प्रशासन में मस्क की भूमिका ने टेस्ला को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है, जबकि उसकी प्रतिद्वंद्वी इलेक्ट्रिक कार कंपनियों को फायदा मिल है।

प्रतिद्वंदियों को मिला फायदा

रिसर्च में पाया गया है कि मस्क के रिपब्लिकन पार्टी से नज़दीकी के चलते डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ झुकाव रखने वाले ग्राहक टेस्ला से दूर होते गए। इसके चलते जहाँ दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला की बिक्री घटी, वहीं उसकी प्रतिद्वंद्वी इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की बिक्री में लगभग 17% से 22% की वृद्धि देखने को मिली।

पक्षपात ने पहुंचाया नुकसान

येल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि मस्क ने ट्रंप की पार्टी रिपब्लिक पार्टी का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने पार्टी को 300 मिलियन डॉलर्स का भारी-भरकम दान दिया था और फिर ट्रंप के नेतृत्व वाली सरकार में डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी की ज़िम्मेदारी भी संभाली। उनके कई बयानों में पक्षपात साफ नज़र आया। इसके चलते डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक ग्राहकों ने टेस्ला से दूरी बना ली, जो कंपनी का सबसे मज़बूत आधार रहे हैं। नतीजतन टेस्ला की बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई।

कैलिफोर्निया में इतनी गिरी बिक्री

वर्किंग पेपर में यह भी कहा गया है कि मस्क के कार्यों ने कैलिफोर्निया के ज़ीरो-इमिशन वाहनों के लक्ष्य को प्रभावित किया। यदि मस्क पक्षपातपूर्ण व्यवहार नहीं करते, तो राज्य संभवतः 2026 के अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लेता। कैलिफोर्निया की ही बात करें, तो राज्य में टेस्ला कारों का पंजीकरण तीसरी तिमाही में 9.4% गिर गया। साथ ही तीन महीने की अवधि में कंपनी की बाज़ार हिस्सेदारी घटकर 46.2% रह गई।

अब राजनीति से की तौबा

मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप का खुलकर समर्थन किया था। ट्रंप भी उन्हें अपना सबसे अच्छा दोस्त करार देते नहीं थकते थे। जब ट्रंप ने सत्ता संभाली, तो मस्क को अपनी सरकार का हिस्सा बनाया। उन्हें नव-निर्मित डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी की ज़िम्मेदारी सौंपी गई। हालांकि जल्द ही दोनों के बीच मनमुटाव सामने आने लगे। मस्क, सरकार के हर फैसले का हिस्सा बनना चाहते थे, जबकि ट्रंप को हर काम में उनकी दखलंदाज़ी नागवार गुज़री। आखिरकार कुछ महीनों की दोस्ती के बाद दोनों के रास्ते जुदा हो गए। मस्क ने इसी साल मई में खुद को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी से अलग कर लिया। अपने इस्तीफे से एक दिन पहले उन्होंने अमेरिकी मीडिया को दिए इंटरव्यू में मस्क कहा था कि राजनीति में जितना करना था, उन्होंने कर लिया। यानी कि एक तरह से उन्होंने अब राजनीति से तौबा कर ली है।

मस्क के पास है इतनी दौलत

मस्क इस समय दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी हैं। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के अनुसार उनकी कुल संपत्ति 472 बिलियन डॉलर्स है। इस साल अब तक उन्होंने अपनी संपत्ति में 39.2 बिलियन डॉलर्स जोड़े हैं। बीच में एक समय ऐसा भी आया था, जब उनकी दौलत का पहाड़ 400 बिलियन डॉलर्स के आंकड़े से नीचे फिसल गया था। इसकी वजह थी - कारोबार से ज़्यादा राजनीति में दिल लगाना। अब जब मस्क वापस कारोबारी दुनिया में लौट आए हैं, तो उनकी दौलत का ग्राफ भी चढ़ रहा है।