
नेपाल के एवरेस्ट क्षेत्र में हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। ( फोटो: X Handle)
Everest Helicopter Crash: नेपाल के माउंट एवरेस्ट इलाके में बुधवार सुबह भारी बर्फबारी के बीच एक हेलीकॉप्टर क्रैश (Everest Helicopter Crash) हो गया। यह हादसा पर्यटकों को बचाने के मिशन के दौरान हुआ, जब एल्टीट्यूड एयर का हेलीकॉप्टर लोबुचे हेलीपैड पर उतरने की कोशिश कर रहा था। सोलुखुंबू जिला पुलिस के अनुसार, हेलीकॉप्टर बर्फ पर फिसल गया और दो टुकड़ों में बंट गया। हेलीकॉप्टर में सिर्फ पायलट कैप्टन विवेक खड़का सवार थे। लुक्ला से बिना यात्रियों के उड़ान भरकर वे खुंबू क्षेत्र के लोबुचे में फंसे ट्रैकर्स (Nepal Snowfall Rescue) को निकालने जा रहे थे। क्रैश (Altitude Air Incident) के बाद पायलट को मामूली चोटें आईं, लेकिन उनकी जान बच गई। उन्हें लुक्ला ले जाकर मेडिकल चेकअप कराया गया, और डॉक्टरों ने हालत स्थिर बताई। एयरलाइन चेयरमैन नीमा नुरू शेर्पा ने कहा कि मौसम साफ था, लेकिन बर्फ की वजह से लैंडिंग मुश्किल हो गई।
मंगलवार-बुधवार को मस्टंग, अन्नपूर्णा और एवरेस्ट क्षेत्रों में असामान्य बर्फबारी हुई। इससे सैकड़ों ट्रेकर्स और पर्वतारोही फंस गए। नेपाल सरकार ने कई ट्रैकिंग ट्रेल्स पर बंद कर दी है। जलविज्ञान विभाग ने चेतावनी दी कि 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक ऊंचे इलाकों में और बर्फबारी हो सकती है। अधिकारियों ने ट्रेकर्स से सावधानी बरतने को कहा है।
ये बर्फबारी बंगाल की खाड़ी से आए चक्रवात मोंथा की वजह से है। इससे भारत के बाद हिमालय क्षेत्र प्रभावित हुआ। अक्टूबर में ये दूसरी बार हो रहा है। तिब्बत की ओर एवरेस्ट का हिस्सा भी बंद हो गया। पहले चक्रवात ने सैकड़ों ट्रैकर्स को फंसा दिया था, जिन्हें बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन से बचाया गया। नेपाल में 50 से ज्यादा लोग बाढ़-भूस्खलन में मारे जा चुके हैं।
एवरेस्ट क्षेत्र में हजारों पर्यटक आते हैं, लेकिन अब ट्रैकिंग रुकी हुई है। हालत यह है कि लोबुचे बेस कैम्प में 210 ट्रैकर्स फंसे हैं। नेपाल टूरिज्म बोर्ड ने विदेशी और घरेलू पर्यटकों को सतर्क रहने की सलाह दी। ऊंचे इलाकों में बारिश और बर्फ से खतरा बढ़ गया है। मनास्लू और धौलागिरी जैसे क्षेत्र भी बंद हैं।
भारत से हर साल सैकड़ों लोग एवरेस्ट ट्रैक पर जाते हैं। ये हादसा सिखाता है कि मौसम की चेतावनी को गंभीरता से लें। भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों से संपर्क करने को कहा। विशेषज्ञ कहते हैं, जलवायु बदलाव से ऐसे चक्रवात बढ़ रहे हैं। ट्रैकर्स को इंश्योरेंस और इमरजेंसी प्लान जरूरी है।
सरकार ने हैलीकॉप्टर रैस्क्यू बढ़ाए हैं, लेकिन बर्फबारी से मुश्किलें हैं। सिविल एविएशन अथॉरिटी ने कहा कि पायलट का बचना चमत्कार है। पर्यटन मंत्रालय ने ट्रेकिंग ग्रुप्स को अलर्ट किया। ये घटना हिमालयी पर्यटन की असुरक्षा दिखाती है।
चक्रवात मोंथा से हिमालय में बेमौसम बर्फबारी बढ़ी है, जो ट्रैकिंग को खतरे में डाल रही। विशेषज्ञ कहते हैं, यह ग्लेशियर पिघलने का संकेत है।
फंसे ट्रेकर्स को कब बचाया जाएगा?
हेलीकॉप्टर क्रैश की जांच कब पूरी होगी?
चक्रवात मोंथा का भारत पर असर क्या रहेगा?
"यह क्रैश पर्यटकों की सुरक्षा पर सवाल उठाता है, नेपाल को मौसम पूर्वानुमान को मजबूत करना चाहिए।" – डॉ. राजेश ठाकुर, ट्रैवल एक्सपर्ट, दिल्ली।
Updated on:
29 Oct 2025 05:59 pm
Published on:
29 Oct 2025 05:56 pm
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