पाकिस्तान-अफगानिस्तान में तनाव। (फोटो- IANS)
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान-अफगान सीमा पर जोरदार हमलों को लेकर अब दोनों देशों के बीच संबंध पूरी तरह खत्म हो चुके हैं।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को स्पष्ट रूप से कहा कि सीमा पर बिना मतलब हमले के बाद से इस्लामाबाद और काबुल के बीच अब कोई संबंध नहीं रहा।
एक न्यूज के कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए आसिफ ने कहा कि अभी गतिरोध की स्थिति है। आप कह सकते हैं कि कोई सक्रिय शत्रुता नहीं है, लेकिन माहौल शत्रुतापूर्ण है। आज की स्थिति में अफगानिस्तान के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कोई संबंध नहीं है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच हमले किसी भी वक्त फिर से शुरू हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से सतर्क हैं। वहीं, बातचीत की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, आसिफ ने कहा कि धमकियों के बीच बातचीत स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान बातचीत तो चाहता है, मगर पाकिस्तान को धमकी भी दे रहा है, पहले वह ठीक से पेश आए, उसके बाद हम बातचीत करेंगे। आसिफ ने पाकिस्तान की सैन्य प्रतिक्रिया का बचाव करते हुए कहा कि यह स्वाभाविक बात है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर आप पर हमला होता है, तो आपको तुरंत प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता होती है। जहां से हमला हो रहा है, उसपर निशाना साधने का अधिकार है। हमने आबादी वाले इलाकों को निशाना नहीं बनाया, हमने नागरिकों को नहीं, बल्कि उनके ठिकानों को निशाना बनाया।
पाकिस्तानी मंत्री ने अफगानिस्तान पर कई आतंकवादी संगठनों को पनाह देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दुनिया जानती है कि अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का एक समूह है, जहां आईएसआईएस, अल-कायदा और तालिबान सक्रिय हैं। ये सभी काबुल की छत्रछाया में हैं।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) प्रमुख नूर वली महसूद की अफगानिस्तान में मौजूदगी के बारे में एक सवाल के जवाब में, आसिफ ने कहा कि हमने उनके इलाके में निशाना बनाया। जब मैं ढाई, तीन साल पहले गया था, तो उन्होंने कहा था कि वे इन लोगों को दूसरी जगह भेज देंगे। वह चांद पर नहीं थे, वह अफगानिस्तान में ही थे।
पाकिस्तानी मंत्री ने कूटनीतिक प्रयासों में ईमानदारी की जरूरत पर जोर दिया। आसिफ ने कहा कि मुझे लगता है कि कूटनीति में ईमानदारी जरूरी है। यह हर समय पूरी तरह से मौजूद नहीं होती, लेकिन अगर थोड़ी बहुत ईमानदारी हो, तो इससे मामले में सुधार होगा और समाधान का रास्ता खुलेगा।
बता दें कि शनिवार देर रात अफगानिस्तान की ओर से हुए हमले में कम से कम 23 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए, जिसके बाद सीमा पर भीषण झड़पें हुईं।
उधर, पाकिस्तानी सेना की ओर से बताया गया है कि 200 से ज्यादा तालिबान और उससे जुड़े आतंकवादियों को मार गिराया गया है, जबकि घायलों की संख्या कहीं ज्यादा है।
Updated on:
14 Oct 2025 08:23 am
Published on:
14 Oct 2025 07:53 am
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