Saturn's moon (Photo - NASA)
नासा (NASA) के वैज्ञानिकों ने शनि (Saturn) के छोटे चंद्रमा एनसेलाडस (Enceladus) पर जीवन के संकेत खोजने की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इस बर्फ से ढके चंद्रमा से निकलने वाले फव्वारों में वैज्ञानिकों को नए प्रकार के जैविक यौगिक मिले हैं। ये यौगिक बताते हैं कि एनसेलाडस पर जीवन के अनुकूल माहौल मौजूद हो सकता है। यह खोज नासा के कैसिनी स्पेसक्राफ्ट से मिली जानकारी पर आधारित है। 2008 में कैसिनी ने एनसेलाडस के करीब से उड़ान भरी थी और उस दौरान यह बर्फ के महीन कणों से टकराया था। कैसिनी पर मौजूद कॉस्मिक डस्ट एनालाइज़र ने इन कणों की जांच की। ताज़ा कणों ने हाल ही में साबित कर दिया है कि यह रसायन सीधे शनि के इस चंद्रमा के नीचे मौजूद महासागर से आए हैं।
एनसेलाडस शनि के 274 आधिकारिक चंद्रमाओं में से एक है और आकार में बहुत छोटा है। यह लगभग 500 किलोमीटर व्यास का है। इसकी खासियत यह है कि इसकी सतह के नीचे एक विशाल महासागर है। दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद दरारों से पानी और बर्फ के फव्वारे निकलते हैं, जो हज़ारों किलोमीटर दूर अंतरिक्ष तक फैल जाते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि एनसेलाडस के महासागर में हाइड्रोथर्मल वेंट्स हो सकते हैं। ये महासागर की गहराई में पाए जाते हैं और गर्म पानी के साथ रासायनिक ऊर्जा छोड़ते हैं। धरती पर भी आर्कटिक महासागर में ऐसे वेंट्स जीवन को सहारा देते हैं।
कैसिनी मिशन 2017 में समाप्त हो गया था। आगे की खोज करने के लिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी एनसेलाडस पर भविष्य में एक लैंडर भेजना चाहती है, जबकि चीन ने भी ऐसा प्रस्ताव रखा है। दूसरी ओर नासा का यूरोपा क्लिपर मिशन 2030 में बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा पर पहुंचेगा और जीवन के संकेत ढूंढेगा।
Published on:
03 Oct 2025 09:57 am
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