Internet on Moon: धरती पर तो अब लगभग हर कोई जमकर मोबाइल नेटवर्किंग और इंटरनेट का लुत्फ उठा रहा है। इंटरनेट सेवाओं का विस्तार होने से भारत समेत कई विकासशील देशों में जो डिजिटल क्रांति आई है उससे कई दूरदराज के इलाकों में रहने वालों लोगों के लिए जीवन काफी आसान कर दिया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि संचार की ये क्रांति अब चंद्रमा पर भी होने वाली है। जी हां, इसके लिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने चंद्रमा पर गुरुवार को एथेना लैंडर (Athena Lander) लॉन्च किया है।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने टेलीकम्यूनिकेशन कंपनी NOKIA के साथ मिलकर एथेना लैंडर को लॉन्च किया है। इस मिशन का नाम है IM-2 यानी इंट्यूटिव मशीन-2. ये मिशन चंद्रमा पर मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट (Mobile Network and Internet on Moon) की सुविधा प्रदान करेगा। इसके साथ ही चंद्रमा पर NASA ने गुरुवार सुबह 7 बजे (स्थानीय समय) फ्लोेरिडा में फॉल्कन-9 रॉकेट से इस नोवा-C क्लास लूनर लैंडर (एथेना लैंडर) को लॉन्च किया। 6 मार्च को ये एथेना लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंच जाएगा।
NASA के इस मिशन के लिए NOKIA कंपनी की ‘नोकिया बेल लैब्स’ ने ही चंद्रमा के लिए पहला सेलुलर नेटवर्क LSCS बनाया है। (Cellular network on Moon) जो अंतरिक्ष यात्रियों के साथ बेरोक-टोक संचार के लिए है। इससे अंतरिक्ष यात्री सिर्फ वॉयस कॉल ही नहीं बल्कि इंटरनेट सर्विस का भी यूज कर सकेंगे।
NOKIA वेबसाइट की रिपोर्ट में दी जानकारी के मुताबिक चंद्रमा पर NASA जो NOKIA का नेटवर्क LSCS स्थापित करेगा वो 4G स्पीड (4G/LTE) की इंटरनेट सर्विस देगा। एथेना की चंद्रमा के साउथ पोल की लैंडिग होने के कुछ देर बाद NOKIA LSCS को सक्रिय कर देगा। ये इंट्यूटिव मशीन के डायरेक्ट टू अर्थ लिंक का यूज करते हुए LSCS के सॉफ्टवेयर को शुरू करेगा और फिर ‘नेटवर्क इन ए बॉक्स’ (NIB) को चालू करेगा। ये NIB चंद्रमा पर वातावरण की स्थिति और ऑपरेशन के लिए जांच पूरी करेगा। इसके बाद ही धरती पर NOKIA के मिशन कंट्रोल सेंटर को टेलीमेट्री डेटा भेजना शुरू कर देगा।
सारी जांच होने के बाद NIB लूनर आउटपोस्ट के MAPP रोवर में डिवाइस मॉड्यूल से एक सीधा सेलुलर लिंक स्थापित करेगा। इसे ही चंद्रमा पर पहली सेलुलर कॉल कहा जाएगा। इसके बाद NIB दूसरे इंट्यूटिव मशीन के माइक्रो नोवा हॉपर से जुड़ेगा।
NOKIA ने कहा है कि चंद्रमा पर मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट स्थापित करने के मिशन का उद्देश्य भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों और उनकी खोजों को और सुलभ बनाना है।
इससे वैज्ञानिक खोज की सुविधा, कॉमर्शियल गतिविधियों का समर्थन, चंद्रमा के साथ-साथ मंगल पर इंसानों के पूरी सुरक्षा और संचार के साथ रहना सुनिश्चित हो सकेगा। इसके अलावा ये मिशन चंद्रमा पर पानी की खोज और उसे सतह से निकालने के लिए भी है जिसका पहला परीक्षण किया जाएगा।
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Published on:
27 Feb 2025 12:09 pm