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अब समंदर से नहीं आ सकेंगे आतंकी, लहरों पर दुश्मन के छक्के छुड़ाएगा भारत, जानिए कैसी है देश की ताकत

India Greece Naval Exercise 2025: उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता, जिस मुल्क की सरहद की निगहबान हैं आंखें। भारत के जांबाज जवानों ये आंखें जमीन और हवा में ही नहीं, पानी में भी नजर रखती हैं।

3 min read

भारत

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MI Zahir

Sep 20, 2025

India Greece Naval Exercise 2025

भारतीय हेलेनिक नौसेना का द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास (फोटो: ANI/ X@IndianNavy )

India Greece Naval Exercise 2025: भारत अपनी सामरिक शक्ति के मामले में किसी से कम नहीं है। अब आतंककारी समंदर के रास्ते से हमारे देश में नहीं घुस सकेंगे , भारत लहरों पर ही दुश्मन के छक्के छुड़ा देगा। ध्यान रहे कि मुंबई में 26 नवंबर 2008 को आतंककारी समंदर के रास्ते भारत में घुसे थे। भारतीय नौसेना ने हाल ही में ग्रीस की नौसेना (Hellenic Navy) के साथ मिल कर एक खास द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास (India Greece Naval Exercise 2025)किया, जो भारत-ग्रीस रक्षा सहयोग के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। यह अभ्यास 13 से 18 सितंबर 2025 के बीच भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) में हुआ। इसमें INS त्रिकंद (INS Trikand Mediterranean deployment) ने भाग लिया। उधर 14 सितंबर 2025 को भारतीय नौसेना ने X (पूर्व ट्विटर) पर शेयर किया कि INS त्रिकंद ग्रीस के सलामिस बे में पहुंच गया है। यह पहली बार था जब भारत और ग्रीस के बीच इस तरह का द्विपक्षीय अभ्यास (Hellenic Navy joint drill) हुआ। पहले चरण को “हार्बर फेज़” कहा गया, जो 13 से 17 सितंबर तक चला। इस चरण में:

दोनों देशों के अधिकारियों के बीच मुलाकातें

क्रॉस डेक विज़िट (जहाजों का दौरा)

सांस्कृतिक कार्यक्रम

ग्रीस के “HS Themistokles” जहाज पर प्री-सेल कॉन्फ्रेंस

एथेंस में भारतीय राजदूत रुद्रेंद्र टंडन और ग्रीस नौसेना अधिकारियों की उपस्थिति

इसके अलावा, भारतीय नौसेना के जवानों ने एथेंस की ऐतिहासिक जगह “Acropolis” का दौरा भी किया।

भारतीय नौसेना ने 14 सितंबर को एक्स पर एक पोस्ट में शेयर किया, "#INSTrikand भूमध्य सागर में अपनी चल रही तैनाती के दौरान #13Sep 25 को सलामिस बे, # ग्रीस में पहुंचा। जहाज # भारतीय नौसेना और #हेलेनिक नौसेना के बीच पहले द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास में भाग लेगा। हार्बर चरण - लोगों से लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने के लिए विचार-विमर्श, वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बातचीत, क्रॉस डेक दौरे और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की योजना बनाना।"

समुद्री फेज़ में जबरदस्त ताकत का प्रदर्शन

17 से 18 सितंबर तक चला "समुद्री फेज़" भारत और ग्रीस की नौसेनाओं के बीच मिलकर संचालन और तकनीकी तालमेल का प्रदर्शन था। इसमें शामिल थे:

नाइट ऑपरेशन (रात में बोर्डिंग अभ्यास)।

समुद्र में ईंधन और सप्लाई की पुनःपूर्ति।

संयुक्त पनडुब्बी रोधी अभ्यास (ASW)।

समन्वित हथियार फायरिंग।

हेलिकॉप्टर के जरिए क्रॉस डेक संचालन

इन सभी गतिविधियों का उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच इंटरऑपरेबिलिटी यानी साथ काम करने की क्षमता को मजबूत करना था।

वैश्विक समुद्री रणनीति में भारत की भूमिका

इससे पहले, INS त्रिकंद ने मिस्र के अलेक्जेंड्रिया में Bright Star 2025 नामक बहुपक्षीय अभ्यास में भी भाग लिया था, जो 1 से 10 सितंबर तक चला। रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि इन सभी अभ्यासों का उद्देश्य "सर्वोत्तम समुद्री रणनीतियों" को शेयर करना और पारंपरिक व गैर-पारंपरिक खतरों से निपटने की तैयारी को और मजबूत करना है।

भारत-ग्रीस द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास पर रक्षा विशेषज्ञों, इंडस्ट्री लीडर्स और पूर्व नौसेना अधिकारियों ने इसे बेहद अहम करार दिया है।

भारत के महाशक्ति बनाने की दिशा में निर्णायक कदम

रियर एडमिरल (सेवानिवृत्त) संजय नारंग ने कहा, "इस तरह के अभ्यास भारत को समुद्री महाशक्ति बनाने की दिशा में निर्णायक कदम हैं। ये न केवल हमारी ताकत दिखाते हैं, बल्कि भरोसेमंद साझेदारियों को भी मजबूत करते हैं।"

रक्षा साझेदारी “फ्यूचर-फॉरवर्ड

ग्रीस मीडिया और रक्षा विश्लेषकों ने भी INS त्रिकंद की भूमिका की तारीफ की और भारत के साथ रक्षा साझेदारी को “फ्यूचर-फॉरवर्ड” बताया है।

जॉइंट ऑपरेशन ड्रिल्स की योजना

भारतीय नौसेना के सूत्रों के अनुसार, आने वाले महीनों में भारत और ग्रीस के बीच उच्च स्तरीय रक्षा वार्ता और संभावित लॉजिस्टिक समझौते की संभावना है। इसके साथ ही भारत अन्य यूरोपीय नौसेनाओं के साथ भी जॉइंट ऑपरेशन ड्रिल्स की योजना बना रहा है। INS त्रिकंद अपनी तैनाती के अगले चरण में इटली और फ्रांस के बंदरगाहों का दौरा कर सकता है। इसके ज़रिए भारत यूरो-मेडिटेरेनियन रणनीतिक क्षेत्र में स्थायी उपस्थिति दर्ज कराने की दिशा में बढ़ रहा है।

सांस्कृतिक कूटनीति बनी रणनीतिक ताकत

INS त्रिकंद की इस तैनाती का एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्थानीय धरोहर स्थलों का दौरा भी शामिल था — जैसे एथेंस की Acropolis चट्टान। इससे स्पष्ट होता है कि भारत अब सिर्फ सैन्य ताकत नहीं, बल्कि सॉफ्ट पावर और सांस्कृतिक जुड़ाव के ज़रिए भी अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। इसे भारत की मल्टी-डायमेंशनल डिप्लोमेसी कहा जा सकता है।

रणनीतिक साझेदारी का संकेत

बहरहाल भारत और ग्रीस का यह अभ्यास सिर्फ एक नौसैनिक अभ्यास नहीं, बल्कि एक रणनीतिक साझेदारी का संकेत है। INS त्रिकंद की यह तैनाती दिखाती है कि भारत अब समुद्री सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में एक मजबूत और भरोसेमंद शक्ति बनकर उभर रहा है।