नई दिल्ली में भारत और फ्रांस वायु सेना वार्ता का एक दृश्य। (फोटो: एएनआई.)
India-France Defense Cooperation: भारत और फ्रांस ने अपनी सैन्य साझेदारी (India-France Defense)और मजबूत करने के लिए 29 सितंबर से 1 अक्टूबर 2025 तक नई दिल्ली में 22वीं वायु सेना वार्ता आयोजित की। इस वार्ता में भारतीय वायु सेना (IAF) और फ्रांसीसी वायु व अंतरिक्ष सेना (FASF) ने हिस्सा लिया। दोनों देशों ने संयुक्त प्रशिक्षण, सैन्य अभ्यास, विशेषज्ञता के आदान-प्रदान और पेशेवर सैन्य शिक्षा पर चर्चा की। इसका मुख्य लक्ष्य दोनों वायु सेनाओं के बीच परिचालन सहयोग बढ़ाना और दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी मजबूत करना था। इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारतीय वायु सेना के एयर वाइस मार्शल एस.के. तालियान और फ्रांस के ब्रिगेडियर जनरल निकोलस चंबाज ने की। यह वार्ता दोनों देशों के बीच गहरा रक्षा सहयोग और प्रतिबद्धता दर्शाती है।
यह वार्ता भारत और फ्रांस के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुई, जिसमें दोनों देशों ने एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में अपनी साझेदारी और विकसित करने पर जोर दिया। दोनों पक्षों ने अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाने, सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करने और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान पर विचार-विमर्श किया। भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग न केवल सैन्य क्षेत्र तक सीमित है, बल्कि यह 'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य का भी समर्थन करता है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग की समीक्षा वार्षिक रक्षा वार्ता और उच्च-स्तरीय समिति के माध्यम से की जाती है। यह साझेदारी दोनों देशों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
भारत और फ्रांस ने सितंबर 2025 में नई दिल्ली में असैन्य परमाणु ऊर्जा पर विशेष कार्यबल की दूसरी बैठक भी आयोजित की। इस बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिस्री और फ्रांस की महासचिव ऐनी-मैरी डेस्कोटेस ने सह-अध्यक्षता की। इस दौरान दोनों देशों ने असैन्य परमाणु सहयोग में प्रगति की समीक्षा की और लघु व उन्नत मॉड्यूलर रिएक्टरों ( SMR /AMR) जैसी नई तकनीकों पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। फरवरी 2025 में हस्ताक्षरित आशय घोषणा के तहत इन तकनीकों को प्राथमिकता दी गई है। इसके अलावा, दोनों देशों ने रूस-यूक्रेन संघर्ष और पश्चिम एशिया जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की।
इस वार्ता में रक्षा और परमाणु सहयोग के साथ-साथ नवाचार, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, आतंकवाद-निरोध और तीसरे देशों के साथ त्रिपक्षीय सहयोग जैसे विषयों पर भी विचार-विमर्श हुआ। दोनों देशों ने पिछले एक साल में हुई प्रगति की समीक्षा की और भविष्य में निकट संपर्क बनाए रखने पर सहमति जताई। यह साझेदारी भारत और फ्रांस के बीच मजबूत रणनीतिक संबंधों को दर्शाती है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
बहरहाल भारत और फ्रांस के बीच यह सैन्य और रणनीतिक सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए लाभकारी है, बल्कि यह वैश्विक शांति और सुरक्षा को भी बढ़ावा देता है। 22वीं वायु सेना वार्ता और असैन्य परमाणु सहयोग बैठक ने दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग को और मजबूत किया है। यह साझेदारी भविष्य में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है।
Published on:
02 Oct 2025 01:01 pm
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