कैनबरा में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस। (फोटो:IANS)
India-Australia Defense Ties: भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। उन्होंने यह बात ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस के साथ कैनबरा में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में कही। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया ने सीमापार आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का समर्थन (India-Australia Defense Ties) किया। राजनाथ सिंह ने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान ऑस्ट्रेलिया के साथ रक्षा सहयोग और मजबूत करने पर चर्चा की। बैठक में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भी हिस्सा लिया और राजनाथ सिंह का गर्मजोशी से स्वागत किया। राजनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुभकामनाएं दीं और अल्बनीज को उनकी हाल की चुनावी जीत पर बधाई दी। अल्बनीज ने भारत की आर्थिक और रक्षा उपलब्धियों की सराहना की और दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई।
यह बैठक भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी की पांचवीं वर्षगांठ पर हुई। दोनों देशों ने सैन्य अभ्यास, समुद्री सुरक्षा, रक्षा उद्योग और तकनीकी अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने का वादा किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और लोकतांत्रिक मूल्यों की साझा नींव है, जो रक्षा सहयोग को और मजबूत करती है।
बैठक में राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के खिलाफ भारत का स्पष्ट रुख दोहराया। उन्होंने कहा, “आतंक और व्यापार, या पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।” उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। इस दौरान तीन अहम समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जिनमें सूचना साझा करना, पनडुब्बी खोज और बचाव, और संयुक्त स्टाफ वार्ता की स्थापना शामिल है।
ऑस्ट्रेलिया के सहायक रक्षा मंत्री पीटर खलील ने राजनाथ सिंह का स्वागत किया और सांस्कृतिक समारोह आयोजित किया। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के केसी-30ए विमान की ओर से एफ-35 विमान को हवा में ईंधन भरने का प्रदर्शन भी किया गया, जो दोनों देशों के बीच बढ़ती सैन्य सहमति का प्रतीक है। संसद भवन में राजनाथ सिंह का पारंपरिक स्वागत हुआ, जिसमें रिचर्ड मार्लेस भी मौजूद थे।
बहरहाल यह दौरा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रणनीतिक विश्वास और सैन्य सहयोग मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह साझेदारी दोनों देशों के लिए क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देगी। (IANS)
Published on:
09 Oct 2025 04:37 pm
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