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चीन के बढ़ते सैन्य हमलावर रुख से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संघर्ष का अंदेशा, भारत पर क्या असर पड़ेगा ?

Indo-Pacific security:चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संघर्ष की आशंका बढ़ी है। इससे ताइवान और दक्षिण चीन सागर में तनाव गहरा सकता है, जिसका भारत की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है।

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भारत

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MI Zahir

Nov 02, 2025

China military aggression

चीन की बढ़ती सैन्य ताकत। (प्रतीकात्मक फोटो.)

Indo-Pacific security: चीन की सैन्य गतिविधियों से ताइवान और दक्षिण चीन सागर में संकट की संभावना बढ़ गई है। मलेशिया में 31 अक्टूबर को अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ (Pete Hegseth) ने चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून (Admiral Dong Jun) से मुलाकात की। इस मुलाकात में ताइवान और दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। हेगसेथ ने कहा कि अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और वह ताइवान की रक्षा के लिए अपनी सैन्य उपस्थिति बनाए रखेगा। चीन अपनी सैन्य आक्रामकता को तेज कर रहा है, और हालिया अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में संकेत दिए गए हैं कि शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने अपनी सेना को 2027 तक ताइवान पर आक्रमण के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है। इस आक्रामकता को देखते हुए, अमेरिका ने क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर चीन के बढ़ते प्रभाव का सामना करने की योजना बनाई है। जापान ने अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए हैं, और अमेरिका-जापान गठबंधन (US-Japan alliance) को मजबूत करने का समर्थन किया है।

चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियां: क्षेत्रीय तनाव और भारत की रणनीति

चीन ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी सैन्य क्षमताओं को तेजी से बढ़ाया है, और उसकी रणनीति क्षेत्रीय दबदबा बनाने की दिशा में केंद्रित रही है। विशेष रूप से ताइवान और दक्षिण चीन सागर में चीनी सैन्य आक्रामकता ने इस क्षेत्र में तनाव और बढ़ा दिया है। चीन के लगातार सैन्य अभ्यास, ताइवान के हवाई क्षेत्र में युद्धक विमानों की घुसपैठ और समुद्री विवादों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिति को और जटिल बना दिया है। इसके अलावा, अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने इस बढ़ते खतरे को गंभीरता से लिया है, और एशियाई देशों के साथ मिल कर चीन का सैन्य प्रभाव रोकने की रणनीतियों पर विचार कर रहे हैं।

भारत की प्रतिक्रिया और सैन्य तैयारियाँ (Indo-Pacific security)

भारत पहले से ही चीन के साथ सीमा विवादों से जूझ रहा है, इस बढ़ती चीनी आक्रामकता को गंभीरता से देख रहा है। भारत ने अपनी रक्षा नीति में बदलाव करते हुए समुद्री सुरक्षा और सीमा प्रबंधन पर जोर दिया है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव के कारण भारत ने अपनी सैन्य तैयारियों को और मजबूत किया है, भारत विशेष रूप से समुद्री और हवाई सुरक्षा क्षेत्रों में मजबत हुआ है। साथ ही, भारत ने अपने क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर चीन के प्रभाव को चुनौती देने के लिए सैन्य और कूटनीतिक सहयोग बढ़ाया है।

भारत पर असर: क्या हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बदलाव आएगा ?

भारत भी इस क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और चीन की आक्रामकता से भारत पर भी असर पड़ सकता है। ताइवान और दक्षिण चीन सागर में संभावित संघर्ष के कारण भारत को अपनी सुरक्षा नीति पर फिर से विचार करना पड़ सकता है। चीन के सैन्य प्रभाव को देखते हुए भारत को अपनी सैन्य तैयारियों और क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ अपनी रणनीति को मजबूत करने की जरूरत हो सकती है। चीन के साथ भारत की सीमा पर पहले से ही तनाव है, और इस बढ़ती आक्रामकता से भारत की सुरक्षा चुनौतियां बढ़ सकती हैं। (ANI)