
युद्ध विराम के बाद गाजा की वित्तीय स्थिति। (फोटो: X Handle.)
Gaza Financial Crisis: गाजा में इज़राइल और हमास के बीच युद्ध विराम (Israel Gaza Ceasefire) के दो हफ्ते बीतने के बाद भी वहां की वित्तीय स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। गाजा के कई बैंक युद्ध के दौरान बर्बाद या क्षतिग्रस्त हो गए थे, और 16 अक्टूबर को वे फिर से खुले, लेकिन ये बैंक बिना नकदी के ही खुले। हालत यह है कि इन बैंकों में पैसे की भारी कमी (Gaza Financial Crisis) हो गई है, और लोग नकदी के लिए परेशान हो रहे हैं। गाजा सिटी और राफा की बैंक शाखाओं के बाहर लंबी कतारें लग रही हैं, लेकिन अधिकतर लोग खाली हाथ लौट रहे हैं। बैंक अब खुले हुए तो हैं, लेकिन केवल कागजी कार्यवाही के लिए ही खुले हैं। बैंक ऑफ़ फिलिस्तीन के बाहर खड़े गाजा में रहने वाले 61 वर्षीय वाएल अबू फ़ारेस ने कहा कि बैंकों में न तो पैसे हैं और न ही नकदी (Gaza Economic Problems) है। उन्होंने बताया “आप सिर्फ कागज़ों पर दस्तखत कर सकते हैं, और फिर चले जाते हैं। ” यहां हालत यह है कि नकदी के लिए लोग कालाबाज़ारी करने वाले मुद्रा परिवर्तकों की तरफ़ रुख कर रहे हैं, जो भारी शुल्क वसूल करते हैं।
गाजा में महंगाई भी बढ़ रही है और बुनियादी चीज़ों की कीमतें भी बहुत ज्यादा हो गई हैं। लोग छोटे-बड़े लेन-देन के लिए भी नकदी की कमी से जूझ रहे हैं। इसके कारण, बुनियादी जरूरतों की वस्तुएं, मसलन सब्ज़ियां और फल, कई लोगों की पहुंच से बाहर हो गए हैं। लोग अब रचनात्मक तरीके से अपनी ज़िंदगी चलाने की कोशिश कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, 40 वर्षीय मनाल अल-सैदी पुराने व फटे नोटों को जोड़ने का काम करती हैं ताकि वे कुछ पैसे कमा सकें।
नकदी के भारी संकट के कारण गाजा में वस्तु विनिमय (barter system) की ओर भी कदम बढ़ने लगे हैं। कुछ लोग पैसे की जगह सिगरेट, रोटी, दवाइयों या ईंधन का आदान-प्रदान कर रहे हैं। ये हालात तब पैदा हुए हैं, जब सामान्य लेन-देन भी असंभव हो गया है। आलम यह है कि गाजा में बैंकों के बाहर, लोग पैसे के लिए दिनभर खड़े रहते हैं, लेकिन कई बार खाली हाथ लौट जाते हैं।
बहरहाल गाजा में संघर्ष विराम के बाद कुछ राहत मिलने की उम्मीद थी, लेकिन नकदी की कमी और महंगाई ने इस उम्मीद को तोड़ दिया। कई लोगों का मानना है कि यदि बैंकों को जल्द से जल्द नकदी नहीं मिलती है, तो गाजा के पुनर्निर्माण में और भी ज्यादा समय लग सकता है। इसके अलावा, इज़राइल की ओर से बैंकों के बाहर लेन-देन को लेकर प्रतिबंध लगाने के कारण, राहत कार्यों में भी रुकावटें आ रही हैं।
अब लोग बैंकों के बजाय मोबाइल बैंकिंग ऐप्स का सहारा ले रहे हैं, लेकिन विक्रेता अतिरिक्त शुल्क लेते हैं। हालांकि, इन ऐप्स से छोटे-मोटे लेन-देन किए जा सकते हैं, परंतु बड़े लेन-देन होना अब भी असंभव हैं। इस स्थिति में, गाजा के लोग अपने जीवनयापन के लिए संघर्ष कर रहे हैं और अपनी बचत इकट्ठी करने के लिए नए रास्ते तलाश कर रहे हैं।
Updated on:
31 Oct 2025 09:09 pm
Published on:
31 Oct 2025 09:04 pm
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग

