Bangladesh: बांग्लादेश के सियासी परिदृश्य लगातार खराब होते जा रहे हैं। 7-8 महीने पहले जो सियासी दल शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बनी अंतरिम सरकार के (Bangladesh Coup) समर्थन में हो गए थे वही अब विरोधी सुर अलाप रहे हैं। इतनी ही नहीं बांग्लादेश में छात्र आंदोलन कराने वाले छात्रनेता नाहिद इस्लाम (Nahid Islam) तक सरकार का साथ छोड़कर दो दिन बाद अपनी नई पार्टी शुरू करने जा रहे हैं। इस नई पार्टी ने तो युनूस सरकार का तख्तापलट करने तक की धमकी भी दी है। ये सब देखकर अब बांग्लादेश (Bangladesh Military Chief) के सेनाध्यक्ष भड़क गए हैं। उन्होंने अपने ही देश के सियासी दलों को चेतावनी दी है और कहा है कि अगर देश की सुरक्षा में फिर आंच आई तो सेना बैरकों में नहीं लौटेगी बल्कि सड़कों पर उतर जाएगी।
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने बीते मंगलवार को राजनेताओं को आपस में लड़ने के खिलाफ चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि ये अंदरूनी लड़ाई देश की संप्रभुता के लिए बड़ा खतरा है।
वकर ने ये बयान 2009 में पिलखाना हत्याकांड में शहीद सैन्य अधिकारियों की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया। वकर ने कहा कि "मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं। आप बाद में यह नहीं कह सकते कि मैंने आपको चेतावनी नहीं दी थी।” वकर ने आगे कहा कि पिछले 7-8 महीनों में मैंने बहुत कुछ झेला है। मैं आपको पहले से चेतावनी दे रहा हूं, ताकि आप कल यह न कहें कि मैंने आपको नहीं बताया। जनरल वकर ने कहा कि बांग्लादेश अराजक स्थिति से गुजर रहा है और अपराधी इसका फायदा उठा रहे हैं।
वकर ने बांग्लादेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था की वजह राजनीतिक दलों को ही करार दिया। उन्होंने कहा कि सब लोग लड़ने में बिजी हैं, एक दूसरे को गुस्सा दिलाने में व्यस्त हैं। हालांकि वकर ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आप इन मतभेदों के साथ आगे नहीं बढ़ सकते तो देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता खतरे में पड़ जाएगी।
वकर ने कहा है कि ‘मैं देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए संभावित ख़तरा देख सकता हूं। मेरी कोई और महत्वाकांक्षा नहीं है, लेकिन मैं देश को सुरक्षित हाथों में देखना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि देश में स्थिरता आने पर सेना बैरकों में लौट जाएगी।
माना जा रहा है कि बांग्लादेश के सेनाध्यक्ष का ये बयान अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस का ही एक इशारा है। क्योंकि वर्तमान में जो बांग्लादेश के सियासी हालात है वो यूनुस के खिलाफ हो चले हैं। BNP नेता की हत्या से तिलमिलाई इस पार्टी ने अन्याय ना सहने की चेतावनी दे दी है वहीं ज़मात-ए-इस्लामी भी बांग्लादेश में जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए मोहम्मद यूनुस पर दबाव बना रही है।
Published on:
26 Feb 2025 09:41 am