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बांग्लादेश में डर के साये में दुर्गा पूजा: शेख हसीना के बेटे ने यूनुस सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

Bangladesh Durga Puja: बांग्लादेश में हिंदू डर के माहौल में दुर्गा पूजा मना रहे हैं, क्योंकि सजीब वाजेद ने यूनुस सरकार पर कट्टरता बढ़ाने का आरोप लगाया है।

2 min read

भारत

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MI Zahir

Oct 02, 2025

Bangladesh Durga Puja

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा। (फोटो: आईएएनएस)

Bangladesh Durga Puja: बांग्लादेश में इस साल दुर्गा पूजा का उत्सव (Bangladesh Durga Puja) डर और असुरक्षा के साये में मनाया जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस (Yunus Government) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके मुताबिक, यूनुस सरकार के नेतृत्व में कट्टरता को बढ़ावा मिल रहा है, जिससे हिंदू अल्पसंख्यकों पर धार्मिक उत्पीड़न (Hindu Persecution) बढ़ गया है। वाजेद(Sajeeb Wazed), जो पहले शेख हसीना के सूचना और प्रौद्योगिकी सलाहकार रह चुके हैं, ने कहा कि हिंदू समुदाय इस बार भय के माहौल में मां दुर्गा की पूजा कर रहा है। मंदिरों पर हमले, परिवारों को धमकियां और स्वतंत्र पूजा के अधिकार पर खतरा इसकी बड़ी वजह हैं। वाजेद ने चेतावनी दी कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतें फिर से सिर उठा रही हैं। ये वही लोग हैं, जिन्होंने 1971 में बांग्लादेश की आजादी का विरोध किया था। अब ये ताकतें और साहसी हो गई हैं, जो देश की धर्मनिरपेक्षता और एकता की भावना को कमजोर कर रही हैं।

बांग्लादेश का जन्म एकता और समानता के सिद्धांतों पर हुआ

वाजेद के अनुसार, ये कट्टरपंथी 1971 के स्वतंत्रता संग्राम की भावना को बनाए रखने वालों में डर फैला रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि बांग्लादेश का जन्म एकता और समानता के सिद्धांतों पर हुआ था, न कि विभाजन पर। लेकिन मौजूदा सरकार के तहत अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।

अवामी लीग का इतिहास: अल्पसंख्यकों का रक्षक

सजीब वाजेद ने याद दिलाया कि उनकी पार्टी आवामी लीग हमेशा अल्पसंख्यकों के हक में खड़ी रही है। सन 1971 की आजादी के बाद पार्टी ने नष्ट हुए मंदिरों का पुनर्निर्माण किया, हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों को उनकी आस्था के मुताबिक पूजा करने की आजादी दी और सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए। वाजेद ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता उनकी पार्टी का मूल सिद्धांत रहा है। उन्होंने मौजूदा हालात को दुखद बताया, जहां हिंदू समुदाय डर के साये में त्योहार मना रहा है। फिर भी, उन्होंने भरोसा जताया कि यह अंधेरा हमेशा नहीं रहेगा।

भविष्य की उम्मीद: अवामी लीग की वापसी

वाजेद ने दावा किया कि अवामी लीग फिर से सत्ता में लौटेगी और बांग्लादेश में हर अल्पसंख्यक को बिना डर के अपने धर्म का पालन करने का हक मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी हर हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों को गरिमा और स्वतंत्रता के साथ जीने का मौका देगी। वाजेद का ये बयान बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत देता है, जहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एक अहम मुद्दा बन सकता है।

क्या बदलाव की बयार बहेगी ?

बहरहाल बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्गा पूजा पर छाया डर चिंता का विषय है। यह न सिर्फ धार्मिक स्वतंत्रता का सवाल है, बल्कि देश की धर्मनिरपेक्ष छवि पर भी सवाल उठाता है। अंतरिम सरकार को इन आरोपों का जवाब देना होगा, वरना अल्पसंख्यकों का भरोसा टूट सकता है। सजीब वाजेद का बयान न सिर्फ हिंदुओं के लिए, बल्कि बांग्लादेश की एकता के लिए भी एक चेतावनी है। (आईएएनएस।)