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Jhalawar School Collapse राजस्थान में बहुत स्कूलों की जर्जर हालत ! आगे आए अभिभावक, उठाई आवाज, प्रशासन भी सतर्क

Jhalawar School Collapse राजस्थान में बहुत स्कूलों की जर्जर हालत ! आगे आए अभिभावक, उठाई आवाज, प्रशासन भी सतर्क

Jhalawar School Collapse राजस्थान के झालावाड़ जिले के मनोहरथाना इलाके में शुक्रवार को हुए हादसे ने अभिभावक,विद्यार्थी और शिक्षक सभी को स्तब्ध कर दिया। सभी में खौफ है । सिस्टम को लेकर नाराजगी भी है। अब सभी एक स्वर में कहते दिख रहे हैं आगे फिर ऐसी दुर्घटना ना हो इसके पुख्ता इंतजाम कर दिए जाएं। राजस्थान के अलग अलग हिस्सों में काफी हलचल नजर आई।

क्लासरूम्स में खौफ !

अलवर जिले के रैणी उपखंड क्षेत्र के पिनान, डोरोली, पाड़ा आदि ग्रामीण क्षेत्रों के कई राजकीय विद्यालय भवन खस्ता हाल हैं। इन विधालय भवनों की छतों से टपकता पानी, दीवारों से झड़ता चूना और धंसते फर्श के बीच विधार्थी पढ़ने को मजबूर हैं। डोरोली गांव में संचालित भवानी राम पालीवाल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों और अभिभावकों में भी भय का माहौल है। यहां अभिभावकों ने स्कूल भवन की दुर्दशा को लेकर नाराजगी जताई। यहां क्लासरूम की दीवारों मे दरारें साफ नजर आती हैं। झूलती छत की गार्टर और पट्टीयों की दराजों से गिरते पानी से इन क्लासरूम्स में खौफ बना रहता है। कई अभिभावक ऐसे हालात देख बच्चों का नाम ऐसे स्कूलों से कटाने का मानस बना रहे हैं। संस्था प्रधान केदार प्रसाद मीणा ने बताया कि विधालय में कुल चौदह क्लास रूम हैं जिनमें से 10 की हालत जर्जर है। ऐसे में विद्यार्थियों को टीन शेड के नीचे पढ़ाना पड़ता है। स्कूल के प्रांगण में बने वाटर हार्वेस्टिंग टैंक की छत जीर्ण-शीर्ण हो चुकी है। जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है। शिक्षा विभाग को कई बार इन मामलों से अवगत कराया जा चुका है।

विधालय भवन की जर्जर छत गिरी


यही हाल करौली जिले के सपोटरा इलाके के इनायती के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में नजर आते हैं। यहां विधालय भवन की छत जर्जर होने से धराशाई हो गई। हालांकि इस भवन में बच्चों को नहीं बिठाया जाता है। प्रधानाचार्य संतराम मीणा ने शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को घटना की सूचना दी। हालांकि मौके पर कोई पहुंचा नहीं। अधिकारियों ने सिर्फ फोन पर सूचना ली।
बीकानेर शहर के मध्य कोटगेट के पास स्थित प्राथमिक विद्यालय पाबू पाठशाला के हालात भी खस्ता हैं। बिल्डिंग का एक हिस्सा पूरी तरह जर्जर है। स्टाफ ने कई बार लिखित में शिकायत दी लेकिन ना सुनवाई हुई ना हालात सुधरे। बारिश में यहां जलभराव की स्थिति हो जाती है। ऐसे में यहां हादसे की आशंका हमेशां बनी रहती है।

क्लास रूम पर ताला

बीसलपुर बांध के पास स्थित रावता माताजी गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में कक्षा कक्ष क्षतिग्रस्त हालात में हैं। ग्रामीण इसे लेकर लगातार विरोध भी दर्ज करा रहे हैं। शनिवार को विद्यालय में ग्रामीण फिर जुटे। ग्रामीणों ने ऐसे क्लासरूम से बच्चों को बाहर निकाल क्लासरूम पर ताला लगा दिया। ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन भी किया।
झालावाड़ के मनोहर थाना इलाके में 25 जुलाई को सरकारी स्कूल की छत्त गिर जाने और इस दर्दनाक हादसे में 7 स्टूडेंट्स की मौत हो गई जबकि 20 से अधिक के घायल हो गए। झालावाड़ हादसे के बाद प्रदेश भर के जर्जर स्कूलों से खतरा टला नहीं है। समीक्षा बैठक और रिपोर्ट्स से आगे बढ़कर ऐसे स्कूलों के हालात का जायजा लेना चाहिए, हकीकत देखकर हालात सुधारने के कदम उठाने चाहिए। तभी ये खतरा टल सकेगा।

Jhalawar School Collapse