जोधपुर। शहर में चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने का दावा तो किया जा रहा है, लेकिन कई बड़े प्रोजेक्ट हैं जिन पर सरकारी ब्रेक लग गया है। 100 करोड़ से ज्यादा के इन प्रोजेक्ट को शुरुआती 50-50 लाख रुपए देकर रोक दिया गया है। इनको फिर से गति देने के लिए हालांकि अस्पताल प्रबंधन पत्र लिख चुका है, लेकिन ये आगे नहीं बढ़े हैं। इनमें कई प्रोजेक्ट तो ऐसे हैं, जिनके बिना अस्पताल का काम-काज भी प्रभावित हो रहा है।
ये प्रोजेक्ट अटके
ओटी कॉम्प्लेक्स : पुराना ट्रोमा भवन के सामने ओटी कॉम्प्लेक्स का निर्माण प्रस्तावित है। इस काम के लिए 70 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है। दो साल पहले जब काम शुरू हुआ तो 50 लाख का बजट दिया गया। करीब 25 प्रतिशत काम होने के बाद इसे रोक दिया गया।
कॉटेज वार्ड कॉम्प्लेक्स : एमडीएम में ही 100 कॉटेज वार्ड का कॉम्प्लेक्स भी इसी तर्ज पर रोक दिया गया है। करीब 20 करोड़ की लागत से यह काम प्रस्तावित है। लेकिन इसे भी 50 लाख का प्रारंभिक बजट देकर रोक दिया।
एमजीएच में मातृ शिशु इकाई का निर्माण भी इसी तरह रोक दिया गया है। इसके लिए 30 करोड़ से ज्यादा का बजट है। लेकिन यह निर्माण भी करीब 30 प्रतिशत होने के बाद रोक दिया गया है।
सभी कार्यों का अपना महत्व
एमडीएम में वर्तमान में सर्जरी की संख्या ज्यादा है और कई बार मरीजों के साथ डॉक्टर्स भी वेटिंग में रहते हैं। इसी तर्ज पर ओटी कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जा रहा था, जिससे कि यह वेटिंग खत्म हो। कॉटेज वार्ड कई सालों से नए नहीं बने, जबकि अस्पताल का लगातार विस्तार हो रहा है। एमजीएच में मातृ शिशु इकाई की डिमांड भी भीतरी शहर के लिहाज से की जा रही है।
फिर से भेजे हैं प्रस्ताव
इन अटके हुए कार्यों को फिर से शुरू करने के लिए प्रपोजल भेजे गए हैं और अस्पताल प्रबंधन भी लगातार विभाग से डिमांड कर रहा है। लेकिन 100 करोड़ रुपए की यह स्वीकृति अब तक जारी नहीं हुई है।
Updated on:
09 Aug 2025 07:34 pm
Published on:
09 Aug 2025 07:33 pm