सिवनी. पेंच टाइगर रिजर्व के खवासा गेट पर लोहे के कबाड़ से दुनिया के सबसे बड़े बाघ के स्टेच्यू का निर्माण किया जा रहा है। अक्टूबर माह से खवासा गेट से कोर जोन में जंगल सफारी का लुत्फ उठाने वालों को प्रवेश करते ही विशालकाय बाघ के स्टेच्यू का दीदार होगा। इसे देखकर पर्यटक रोमांचित हो उठेंगे। दरअसल पेंच प्रबंधन खवासा गेट के पास ही लोहे के कबाड़ से बाघ का स्टेच्यू बनवा रहा है। यह दुनिया के सबसे बड़े बाघ की प्रतिमा कहलाएगी। बड़ी बात यह है कि बाघ को रूप देने के लिए स्थानीय कलाकारों को ही चुना गया है। स्टेच्यू का काम जनवरी माह में शुरु किया गया था और अब यह लगभग पूर्ण होने को है। पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह ने बताया कि इंटरनेट में उपलब्ध वल्र्ड रिकॉर्ड अकादमी के अनुसार दुनिया में सबसे बड़ी बाघ की मूर्ति अमेरिका के जार्जिया राज्य में है। इस मूर्ति की ऊंचाई 8 फीट और लंबाई 14 फीट है। जबकि पेंच टाइगर रिजर्व में बन रही लोहे के स्क्रैप मटेरियल की यह बाघ कलाकृति पूर्ण होने के उपरांत 16 फीट से अधिक उंची एवं 36 फीट से भी अधिक लंबी होगी।