वोट चोरी को लेकर गहराए विवाद के बीच राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया है। वीडियो में कांग्रेस नेता राहुल गांधी कुछ लोगों से मिलते हैं, जिन्हें वोटर लिस्ट में “मृत” दिखा दिया गया है, जबकि वे असल में जिंदा हैं। वीडियो साझा करते हुए उन्होंने लिखा कि पहली बार “मरे हुए लोगों” के साथ चाय पीने का मौका मिला और इसके लिए मैं चुनाव आयोग का धन्यवाद देता हूं।
वीडियो में राहुल गांधी उन लोगों से बात करते हैं जो बताते हैं कि चुनाव आयोग की वोटर लिस्ट में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया है। एक व्यक्ति ने बताया कि उसे यह जानकारी तब मिली जब उसने खुद वोटर लिस्ट चेक की। बातचीत के दौरान यह भी सामने आया कि उस पंचायत में कम से कम 50 ऐसे लोग हैं जिन्हें गलत तरीके से मृत बताया गया है। लोगों ने दावा किया कि उन्होंने इस संबंध में दस्तावेज़ी सबूत भी दिए और अपने वोटिंग अधिकार की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में छह घंटे तक खड़े रहे। जिसका इनके पास लिखित प्रमाण भी है। इनके मुताबिक बिहार में तेजस्वी यादव के क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में जिंदा लोगों को मृत घोषित किया गया है। बताया जा रहा कि वीडियो में नजर आ रहे लोग बिहार के अलग-अलग हिस्सों से लंबी दूरी तय करके दिल्ली आए हैं, ताकि अपनी बात राजनीतिक नेताओं तक पहुंचा सकें। इनका आग्रह है कि सभी नेता एकजुट होकर बिहार में हो रही इस तरह की गड़बड़ियों को रोके और लोकतंत्र को बचाएं।
बता दें कि ये वीडियो ऐसे समय पर सामने आया है जब बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR प्रक्रिया चल रही है, जिसमें वोटर लिस्ट को अपडेट किया जा रहा है। इससे पहले 7 अगस्त को राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि वोटर लिस्ट में फर्जी नाम जोड़े जा रहे हैं। उन्होंने बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा था कि वहां वोटों की ‘भयंकर चोरी’ हो रही है। हालांकि, चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के इन आरोपों को खारिज कर दिया था और कहा था कि अगर ऐसा कोई मामला है तो राहुल लिखित सबूत दें।
ऐसे में अब ये लोग चुनाव आयोग के लिए फिर एक नई चुनौती बन चुके हैं। यहां सवाल उठने लाजमी हैं कि अगर बड़ी संख्या में ज़िंदा लोगों को वोटर लिस्ट में मृत घोषित किया गया है, तो इसके पीछे ज़िम्मेदार कौन है? और क्या ऐसे लोगों को दोबारा वोटिंग का अधिकार मिलेगा? इस पूरे मुद्दे ने ना सिर्फ राजनीतिक हलचल पैदा की है, बल्कि लोकतंत्र की मूलभूत प्रक्रिया — मतदान — पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।