हिण्डौनसिटी. समीप के गांव झारेड़ा में समस्त बस्ती की ओर से रविवार को आयोजित एक दिवसीय कन्हैया दंगल में भक्ति और लोक संस्कृति के रंग नजर आया। इसमें झारेड़ा, दूदराई और नरौली चौड़ की प्रसिद्ध कन्हैया जोठों ने धार्मिक और पौराणिक कथाओं पर आधारित प्रस्तुतियां दे श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। ग्रामीण पुखराज मीणा ने बताया कि झारेड़ा की जोठ ने मेडिया रमशी मीणा के नेतृत्व में भक्त हरदौल द्वारा बहन कुंजावती के भात भरने की मार्मिक कथा सासू खैवे तो समझावे तो चली जा न्यौता भात, वीरा तो तेरो आ जाय गो प्रस्तुत की।
नरौली चौड़ बामनवास की जोठ ने मेडिया रूपचंद के निर्देशन में राजा मोरध्वज की सत्यनिष्ठा पर आधारित कथा ’’मान जा रे डोला हारा कैवा कि फेरा मोरन के पड़ाये या काई होवा कि सुनाई। वहीं दूदराई (सपोटरा) की जोठ ने मेडिया धन सिंह के नेतृत्व में द्रौपदी चीरहरण की कथा एक समय की बात हरि ने पारस से यो कहिये’’ प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावुक कर दिया। दंगल में बरगमां, खेड़ी शीश, खेड़ीघाटम, ईरनिया, बिनेगा, सिकरौदा, अलीपुरा, सहजनपुर, जहानाबाद, नगला, गढ़ी पनभेड़ा, फाजिलाबाद सहित अनेक गांवों से सैकड़ों की संया में श्रोता पहुंचे। मंच संचालन राजेश कुमार मीणा (झारेड़ा) ने किया। दंगल के समापन पर सभी जोठों के कलाकारों का माला और साफा पहनाकर सम्मान किया गया।